
अजमेर की TADA (आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधियां अधिनियम) अदालत ने साल 1993 में लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई की ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया। वहीं इस मामले में इरफान और हमीदुद्दीन को अदालत ने दोषी माना है और उम्रकैद की सजा सुनाई है। गुरुवार सुबह करीब सवा 11 बजे पुलिसकर्मी कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों आरोपियों को लेकर कोर्ट पहुंचे थे।
यह मामला 6 दिसंबर 1993 से अदालत में चल रहा है। 5 शहरों में हुए हमलों में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि, करीम टुंडा के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिले हैं।
करीम टुंडा इसके पहले मुत्तरप्रदेश की गाजियाबाद जेल में बंद था। 24 सितम्बर साल 2023 को उसे गाजियाबाद से अजमेर लेकर आये थे। तब से उसे अजमेर की जेल में बंद रखा था। जांच एजेंसियों ने टुंडा को 2014 में नेपाल सीमा से पकड़ा था।
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