जिला परियोजनाओं की निगरानी को इन्वेस्ट यूपी की नई पहल, ‘उद्यमी मित्र’ समीक्षा शुरू

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन और औद्योगिक परियोजनाओं के प्रभावी जमीनी कार्यान्वयन को मजबूती देने के लिए इन्वेस्ट यूपी ने उद्यमी मित्रों और जिला उद्योग संवर्धन एवं उद्यमिता विकास केंद्रों (डीआईसी) के उप आयुक्तों की व्यापक समीक्षा शुरू की है। यह समीक्षा मुख्य सचिव एवं अवस्थापना व औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह और प्रमुख सचिव, अवस्थापना व औद्योगिक विकास आलोक कुमार के नेतृत्व में 2 जून को प्रारंभ हुई और 8 जुलाई तक चलेगी।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन अनुरूप प्रदेश को $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, इस समीक्षा प्रक्रिया में 115 उद्यमी मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ये मित्र निवेशक और सरकार के बीच सेतु के रूप कार्य करते है हुए नीति संबंधी प्रक्रियाओं को सरल बनाने, भूमि अधिग्रहण में सहायता करने और औद्योगिक परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से कार्यान्वित करने में सहयोग प्रदान करते है।

इन्वेस्ट यूपी ने समीक्षा प्रक्रिया को प्रभावी बनाने को राज्यभर के जिला उद्योग संवर्धन एवं उद्यमिता विकास केंद्रों (DICs) के उप आयुक्तों और उद्यमी मित्रों को आमंत्रित किया है। प्रतिदिन तीन जिलों के प्रतिनिधि लखनऊ स्थित इन्वेस्ट यूपी कार्यालय में प्रस्तुतियां दे रहे हैं, जहां वे औद्योगिक भूमि, निष्क्रिय औद्योगिक इकाइयों की स्थिति, निवेश प्रोत्साहन व परियोजना कार्यान्वयन की प्रगति, निवेश मित्र जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों से जुड़ी चुनौतियाँ और सुधार के लिए डेटा-आधारित कार्य योजनाएँ साझा कर रहे हैं।

यह पहली बार है कि जिला उद्योग के उपायुक्त (डीआईसी) अधिकारी इस गहन समीक्षा प्रक्रिया में सीधे भाग ले रहे हैं, जिससे विभागीय समन्वय को नई दिशा मिलेगी। इसके साथ ही, जिला स्तर पर निवेश क्षमता को उजागर करने के लिए विशेष आयोजन भी किए जाएंगे। प्रत्येक उद्यमी मित्र और डीआईसी 180 इकाइयों का समर्थन करेंगे। उनके वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करके और प्रमुख सहायता क्षेत्रों की पहचान करके, जिसमें भूमि उपलब्धता और आवश्यक एनओसी शामिल हैं, ताकि वाणिज्यिक उत्पादन को सुगम बनाया जा सके, रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सके और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को सशक्त किया जा सके।


जिला टीमों को उपलब्ध औद्योगिक भूमि, अन्य अधिग्रहण योग्य परिसंपत्तियों को सूचीबद्ध करने तथा निष्क्रिय औद्योगिक इकाइयों की भूमि को पुनर्प्रयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए हर तीन महीने में फॉलो-अप समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी।इस पहल पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा,उद्योग मित्र निवेशकों के लिए जमीनी स्तर पर अहम भूमिका निभाते हैं। यह व्यापक समीक्षा प्रक्रियागत चुनौतियों को दूर करने,जिला स्तर पर मजबूत रणनीति विकसित करने और उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी।

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