66वें ग्रैमी अवॉर्ड में भारत के चार प्रतिभावान सितारों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रोशन किया है। मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन और गायक शंकर महादेवन के एक फ्यूजन संगीत समूह ‘शक्ति’ ने ‘दिस मूमेंट’ के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम की श्रेणी में 2024 का ग्रैमी पुरस्कार जीता है। बता दें कि इस एलबम में कुल 8 गाने हैं ग्रैमी अवॉर्ड संगीत के लिए दिए जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा अवॉर्ड है।
इस एल्बम में संगीत समूह के संस्थापक सदस्य गिटार वादक जॉन मैकलॉघलिन के साथ हुसैन, महादेवन, वायलिन वादक गणेश राजगोपालन और तालवादक सेल्वागणेश विनायकराम शामिल हैं। ‘शक्ति’ का 45 से अधिक वर्षों में पहला स्टूडियो एल्बम ‘दिस मूमेंट’ जून 2023 में रिलीज किया गया था।
संगीत के क्षेत्र के सबसे बड़े पुरस्कार ग्रैमी अवॉर्ड्स का आयोजन करने वाली रिकॉर्डिंग एकेडमी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने पेज पर यह घोषणा की। पोस्ट में कहा गया है, ‘‘सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम विजेता ‘दिस मूमेंट’ शक्ति को बधाई।’’
महादेवन, राजगोपालन और सेल्वागणेश पुरस्कार लेने के लिए मंच पर आए जबकि मैकलॉघलिन समारोह में शामिल नहीं हुए और हुसैन एक और ग्रैमी पुरस्कार जीतने के बाद मंच के पीछे थे।
महादेवन ने इस जीत का श्रेय अपनी पत्नी संगीता को देते हुए कहा, ‘‘हम आपको याद कर रहे हैं जॉन जी। जाकिर हुसैन, उन्होंने आज एक और ग्रैमी पुरस्कार जीता है। ब्वॉयज, ईश्वर, परिवार, दोस्तों और भारत का शुक्रिया। हमें भारत पर गर्व है।’’
हुसैन ने ‘पश्तो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रस्तुति और अमेरिका के बेंजो वादक बेला फ्लेक और अमेरिकी बास वादक एडगर मेयेर के साथ ‘एज वी स्पीक’ के लिए सर्वश्रेष्ठ समसामयिक वाद्य एल्बम का ग्रैमी पुरस्कार भी जीता। इस एल्बम में महान बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे और भारतीय बांसुरी वादक राकेश चौरसिया भी हैं।
बता दें कि 66वें ग्रैमी अवॉर्ड्स रविवार (भारत में सोमवार) को लॉस एंजिल्स में आयोजित किया गया जिसमें सिंगर टेलर स्विफ्ट, ओलिविया रोड्रिगो, माइली साइरस और लाना डेल रे इस साल कई ग्रैमी अवॉर्ड्स अपने नाम किए वहीं ग्रैमी अवार्ड्स 2024 में भारतीय संगीतकारों का भी दबदबा रहा। जबकि सिंगर माइली साइरस ने अपने करियर का पहला ग्रैमी जीता. इस साल के नॉमिनेशन में इस साल एसजेडए का दबदबा रहा, वो 9 नॉमिनेशन के साथ टॉप पर रही।
यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह पहली बार है जब चार भारतीयों को एक ही वर्ष में ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह न केवल इन कलाकारों के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक गर्व का क्षण है।