“आत्मवत् सर्वभूतेषु ” की भावना से दूसरे का सुख दुःख अपना सुख दुःख हो जाता है, पर की भेद दृष्टि ही नही रहती ,इस अवस्था में हमारी समस्त चेष्टाएँ सेवा रूप हो जाती है और किसी की भी सेवा स्वयं सेवा होती है, यह मनुष्य को आत्मतुष्टि प्रदान करती है -फ़ूडमैन विशाल सिंह
विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा के तत्वाधान में स्वर्गीय विमला यादव की स्मृति में आपका पूरा परिवार मेडिकल कॉलेज, लखनऊ में कैंसर एवं असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों के निशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर स्वर्गीय विमला यादव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्वर्गीय विमला यादव की स्मृति में पूरा परिवार मिलकर सैकड़ों निःशक्त तीमारदारों के आत्मा को आनंदित करने का पावन कार्य किया है ,उसके लिए उन असहाय लोगो के दिल से निकली दुआएं आप तथा आपके परिवार के जीवन में मंगल आशीषों की वर्षा करेंगी। क्योंकि परमात्मा ने हमें इस धरती पर इसीलिए भेजा हैं ताकि दान, धर्म, पुण्य करके हम गरीबों, असहाय लोगों की मदद कर सकें।
विजयश्री फाउन्डेशन, प्रसादम सेवा के संस्थापक फ़ूडमैन विशाल सिंह ने प्रसादम सेवा की तरफ़ से स्वर्गीय विमला यादव को श्रद्धा सुमन अर्पित की।
इस मौके पर विशाल सिंह ने कहा कि जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं ,इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में आपके पूरे परिवार ने प्रतिभाग करते हुए गरीब , असह्य , भूख से तड़पते और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है, इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि आप और आपका परिवार हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण रहे , आप इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे, यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है।