संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से आरंभ हो रहे महाकुंभ में इस बार बाबाओं के अनोखे और अद्वितीय रंग देखने को मिल रहे हैं। इन अनोखी शख्सियतों में सोनभद्र के अमरजीत उर्फ “अनाज वाले बाबा” विशेष चर्चा का विषय बने हुए हैं। अनाज वाले बाबा ने अपने सिर पर चना, गेहूं और बाजरा जैसी फसलें उगाकर एक अलग ही पहचान बनाई है। पिछले 5 वर्षों से बाबा अपने सिर पर विभिन्न प्रकार के अनाज उगाते आ रहे हैं, जो उनकी साधना और हठयोग के प्रति उनकी दृढ़ता को दर्शाता है।
बाबा ने बताया कि वे एक हठयोगी हैं, और हठयोगी बनने के लिए कठिन तपस्या और अभ्यास की आवश्यकता होती है। उन्होंने विश्व शांति और कल्याण का संकल्प लिया है और अपने सिर पर उगाई गई फसल को प्रसाद और क्रियाकर्म में उपयोग करने के लिए उगाते हैं। बाबा का कहना है कि इन अनाजों से भोजन भी तैयार किया जाता है।
सिर पर खेती का अनोखा प्रयोग
बाबा ने बताया कि उन्होंने अपने सिर पर चना, गेहूं और बाजरा उगाया है। यह फसलें लगभग ढाई महीने तक बढ़ाई जाती हैं। फसल की ताजगी बनाए रखने के लिए बाबा समय-समय पर सिर पर पानी डालते हैं। इस अनोखे प्रयोग ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है, और लोग हैरान हैं कि कैसे कोई व्यक्ति अपने सिर पर खेती कर सकता है।
महाकुंभ 2025: एक डिजिटल अनुभव
इस बार का महाकुंभ “दिव्य, भव्य, स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित” के साथ-साथ डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए एक नए अनुभव की ओर अग्रसर है। डिजिटल तकनीकों की मदद से श्रद्धालुओं को सुविधाजनक और सुरक्षित अनुभव मिल रहा है।
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का पर्व है बल्कि इसमें अनाज वाले बाबा जैसे अनोखे साधुओं की उपस्थिति इसे और भी विशेष बना रही है।