Gyanvapi Case: 31 साल बाद ज्ञानवापी व्यासजी तहखाने में हुई पूजा-आरती

उत्तर प्रदेश ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में गुरुवार गुरुवार देर रात हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में पूजा की।

उत्तर प्रदेश ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में गुरुवार को वाराणसी की एक अदालत ने हिंदू पक्ष को मस्जिद के परिसर में स्थित व्यासपीठ पर पूजा करने की अनुमति दे दी है। इस ऐतिहासिक आदेश के बाद गुरुवार देर रात हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में पूजा की। यह पूजा कमिश्नर कौशल राज शर्मा, मंदिर प्रशासन के पूर्व और वर्तमान CEO के मौजूदगी में की गई। 

पूजा के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। हिंदू पक्ष के लोगों ने व्यासपीठ पर आरती की और भगवान शिव का जलाभिषेक किया। पूजा के बाद हिंदू पक्ष के लोगों ने कहा कि यह उनके लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।

बता दें कि वाराणसी की कोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति दी। अदालत ने कहा कि हिंदू पक्ष को व्यासपीठ पर पूजा करने की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें मस्जिद के वजूखाने में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

दरअसल, 31 जनवरी को वाराणसी जिला जज की कोर्ट का शाम 3 बजे फैसला आया। फैसले के कुछ घंटों बाद ही पूजा के सारे इंतजाम किए गए। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने का पूजा कराने में अहम योगदान रहा। करीब 12 बजे के बाद परिसर में विधि विधान से पूजा संपन्न हुई। इसके बाद वहां मौजूद लोगों को चरणामृत और प्रसाद भी दिया गया।

कोर्ट ने पूजा की स्थिति बनाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद विश्वनाथ धाम समेत सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नई सड़क से लेकर मदनपुरा तक के इलाकों में पुलिस गश्त तेज कर दी गई है। प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ा दी है।

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