लखनऊ: आज सेवा भाव में अपने आत्मा को समर्पित करते हुए श्रीराम पब्लिक स्कूल की तरफ से विजय श्रीफाउंडेशन, प्रसादम सेवा के तत्वाधान में लोहिया हॉस्पिटल , लखनऊ में श्रीराम पब्लिक स्कूल के टीचर्स और स्टूडेंट्स ने सेवा भाव की ज्योति अपने आत्मा में प्रकाशित करते हुए, कैंसर एवं असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों के निःशक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर अपने सामाजिक सेवा के संकल्प को आगे बढ़ाया।
सेवा धर्म की पावन मन्दाकिनी में डुबकी लगाते हुए श्रीराम पब्लिक स्कूल के टीचर्स और स्टूडेंट्स ने दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया। श्रीराम पब्लिक स्कूल का ध्येय वाक्य है कि सेवा धर्म की पावन मंदाकिनी सबका मंगल करती है। यह लोक साधना का सहज संचरण है। दरिद्र नारायण की शुश्रुषा से बढ़कर कोई तप नहीं है सेवा मानवीय गुण है, निष्काम सेवा का फल आंनद है।
मैं फ़ूडमैन विशाल सिंह प्रसादम के पुण्य कार्य में सहभागी बनने के लिए श्रीराम पब्लिक स्कूल को धन्यवाद देते हूँ एवं बच्चों के उज्जवल भविष्य की ईश्वर से कामना करता हूँ। प्रार्थना करता हूँ कि श्रीराम पब्लिक स्कूल पर सदैव माँ अन्न पूर्णा का आशीर्वाद बना रहे।
आप लोगो ऐसे ही मुस्कारते हुए दीन -दुखियों की सेवा करते रहे क्योंकि ईश्वर ही इस प्रकृति के रचनाकर्ता हैं और वह ही इस प्रकृति की रचना को क्षण भर में नष्ट कर सकते हैं और पलभर में एक नई रचना पुन: रच सकते हैं। इस सामर्थ्यवान ईश्वर के हाथ में सभी कुछ है।
जो इस सत्य को न समझने की भूल करते हैं और स्वयं को सर्वशक्तिमान मानने लगते हैं, वे मनुष्य दंड के पात्र बनते हैं। उनके अनुसार यह संसार उनकी जागीर है परमात्मा सर्वशक्तिमान है। शक्तिऔर सामर्थ्य होते हुए भी वह सभी पर दया करता है। वह दया का सागर है, प्रेम का भंडार है। उससे कोई प्रीति करे न करे, वह सबसे प्रीत करता है। भगवान तो अपने सेवक पर अति प्रीत रखते हैं।