लखनऊ। मंगलवार को विजय श्री फाउंडेशन ,प्रसादम सेवा के तत्वाधान में हर्ष अरोरा [प्रकाश कुल्फी ] के जन्मदिन की मंगल वेला पर आपके पूरे परिवार एवं मित्रगणों ने सेवा धर्म की पावन मन्दाकिनी में डुबकी लगाते हुए लोहिया अस्पताल,लखनऊ में कैंसर एवं असाध्य रोगियों के निःसक्त तिमारदारो की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया।
हर्ष अरोरा ने अपने जन्मदिन के अवसर पर कहा कि ” परोपकारः पुण्याय पापाय परिपीडनम “, परोपकार से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है, सच्चा प्रेम स्तुति से प्रकट नहीं होता , सेवा से प्रकट होता है , सेवा परमात्म तत्व ,वरदान ,यज्ञ ,तप और त्याग है। सेवा से परमतत्व सिद्ध होती है, सेवा का वास तप के मूल में है, अतः यह वरदान है।
नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर श्री हर्ष अरोरा जी के करुणामयी हृदय से एक ही भाव प्रतिबिंबित हो रहा था कि सेवा मानवता की अद्भुत जीवन रेखा है । भूख के समान कोई दुःख नहीं क्षुधा के समान कोई रोग नहीं ,अरोग्यता के समान कोई सुख नहीं । इसलिए अन्न दान बहुत पुण्य का कार्य है । अन्न दान करने वाला प्राण दाता होता है ।
इस मौके पर फ़ूडमैन विशाल सिंह ने पूरे प्रसादम परिवार की तरफ से हर्ष अरोरा को जन्म दिन की हार्दिक बधाई दी। आगे उन्होंने कहा कि माँ अन्नपूर्णा का आशीर्वाद सदैव आपके परिवार पर बना रहे। आप लोगो ऐसे ही मुस्कारतें हुए दीन -दुखियों की सेवा करते रहें क्योंकि ईश्वर ही इस प्रकृति के रचनाकर्ता हैं और वह ही इस प्रकृति की रचना को क्षण भर में नष्ट कर सकते हैं और पलभर में एक नई रचना पुन: रच सकते हैं। इस सामर्थ्यवान ईश्वर के हाथ में सभी कुछ है। जो इस सत्य को न समझने की भूल करते हैं और स्वयं को सर्वशक्तिमान मानने लगते हैं, वे मनुष्य दंड के पात्र बनते हैं।
भगवान हमेशा आपकी रक्षा करे, आप समाजोपयोगी कार्यों से यश प्राप्त करे, आपका जीवन सभी के लिए कल्याणकारी हो, हम सभी आपके लिए यही प्रार्थना करते है, आपको जन्मदिन की कोटि-कोटि शुभकामनाएँ….
[ फ़ूडमैन विशाल सिंह ]