लखनऊ में नही थम रहा शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

शिक्षक भर्ती के मामले में हाईकोर्ट के दिए गए फैसले पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी लखनऊ में अभ्यर्थियों का जबरदस्त प्रदर्शन जारी है।

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन थमने का नाम नही ले रहा हैं। शिक्षक भर्ती के मामले में हाईकोर्ट के दिए गए फैसले पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी लखनऊ में अभ्यर्थियों का जबरदस्त प्रदर्शन जारी है। अब मंगलवार को अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास के सामने प्रदर्शन किया और नियुक्ति देने की मांग की।

इससे पहले भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ,भूपेंद्र चौधरी फिर ओमप्रकाश राजभर के आवास को घेरा। इसके बाद अभ्यर्थी बड़ी संख्या में योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

आपको बता दें कि अभ्यर्थी एससी एसटी और ओबीसी समाज के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की मांग कर रहे थे और न्याय देने के नारे लगा रहे थे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को रोक लगा दिया। अब कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए यूपी सरकार व अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद मेरिट लिस्ट नए सिरे से जारी करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। पीठ ने कहा कि पहले वह हाईकोर्ट के निर्णय का अध्ययन करेगी बाद में मामले के कानूनी पहलुओं को परखकर आदेश पारित करेगी।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रदेश की योगी सरकार ने राहत की सांस ली है। माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद अब सरकार के स्तर पर इस मसले के हल का सर्वमान्य फार्मूला निकाल लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 23 सितंबर को दोनों पक्षों से लिखित जवाब मांगा है। इससे सरकार को और समय मिल गया है।

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