
लखनऊ । केजीएमयू (KGMU) की तत्कालीन कुलपति समेत क्वीन मैरी अस्पताल की चार डॉक्टरों पर बिना अनुमति नसबंदी के गंभीर आरोप लगे हैं। लखनऊ के चौक कोतवाली में कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर अमिता पांडे, मोनिका अग्रवाल, निदा खान और शिवानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामला हरदोई जिले के शाहबाद क्षेत्र के रतनपुर आंझी गांव निवासी हेमवती नंदन की शिकायत पर दर्ज किया गया है।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि 4 अक्टूबर 2022 को उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी उमा मिश्र को लखनऊ के क्वीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां डॉक्टरों की टीम ने इलाज शुरू किया और 5 अक्टूबर को ऑपरेशन से उमा ने एक बेटे को जन्म दिया। लेकिन नवजात की हालत खराब होने के कारण उसे वेंटिलेटर पर रखा गया, जहां उसकी मौत हो गई।
हेमवती नंदन का आरोप है कि इसी दौरान डॉक्टरों ने उनकी पत्नी की बिना अनुमति नसबंदी कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि नसबंदी की सहमति के लिए फर्जी दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर किए गए। जब उन्होंने इस बारे में जवाब मांगा तो अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
10 अक्टूबर 2022 को उमा को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन इसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला। अंततः पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके आदेश पर 13 जून 2025 को चौक कोतवाली में चारों डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और आगे की कार्रवाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी। मामला चिकित्सा व्यवस्था और मरीजों की सहमति से जुड़े गंभीर सवाल खड़े करता है।