अयोध्या में रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण पर देश भर में सियासत हो रही है। इसी बीच अब किसान नेता राकेश टिकैत ने भी एंट्री कर ली है। राकेश टिकैत ने कांग्रेस पार्टी का बचाव करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता बीजेपी के लोग बांट रहे हैं इसी बात से लोगों को ऐतराज हो रहा है। बीजेपी के लोग इस पर सियासत कर रहे हैं, क्योंकि न्यौता देने का काम मंदिर ट्रस्ट की कमेटी का है। राकेश टिकैत के मुताबिक राम मंदिर का राजनीतिकरण करने के बावजूद बीजेपी को चुनाव में कोई फायदा नहीं होने वाला है।
राकेश टिकैत का कहना है कि बीजेपी का राम प्रेम सिर्फ दिखावा है वह तो ईवीएम को ही असली राम मानती है बीजेपी का मानना है कि राम नहीं बल्कि ईवीएम ही उसकी नैया पार लगाएगी। बीजेपी के लोग ईवीएम से छेड़खानी कर चुनाव जीते हैं. ईवीएम के भरोसे ही 400 सीटें जीतने का दावा किया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत प्रयागराज के माघ मेले में पिछले दो दिनों से प्रवास पर हैं वह यहां देश भर से आए किसान प्रतिनिधियों के साथ पंचायत कर रहे हैं।
राकेश टिकैत के मुताबिक बीजेपी ऐसे लोगों को न्यौता दे रही है जो राम मंदिर के समारोह में जाना नहीं चाहते हैं. वह खुद प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन उन्हें न्यौता नहीं दिया गया है, जबकि उनके परिवार ने अयोध्या में 300 सालों तक सेवा कार्य किए हैं। अगर उन्हें न्यौता दिया जाता तो लाखों की संख्या में देश के किसान भी बाद में दर्शन पूजन के लिए अयोध्या जाते उन्होंने कहा है कि वह पहले भी भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या गए थे और प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद फिर से जाएंगे।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी हर किसी के राम भक्त या हिंदू होने का सर्टिफिकेट क्यों बांट रही है क्या जो लोग अयोध्या नहीं जाएंगे वह राम भक्त नहीं हैं क्या जो लोग बीजेपी में नहीं हैं वह हिंदू नहीं हैं। बीजेपी के लोग एक बार जय श्रीराम का जयकारा लगाते हैं, लेकिन हम सब जितनी बार भी किसी से मिलते हैं राम-राम बोलकर दो बार राम का नाम लेते हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि राम के नाम पर कतई सियासत नहीं होनी चाहिए. देश में राम के अलावा भी बहुत मुद्दे हैं. महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याएं भी बड़ा मुद्दा है हमारा काम आंदोलन करना है और हम आगे भी करते रहेंगे। अगर चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनती है और वह भी अच्छा काम नहीं करेगी तो हम तब भी आंदोलन करेंगे, इसलिए किसानों के आंदोलन पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।
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