
रामपुर I सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां की पत्नी एवं सपा की पूर्व विधायक डा. तजीन फात्मा और अब्दुल्ला आजम के शस्त्र लाइसेंस डीएम कोर्ट से खारिज हो गए हैं। अदालत ने यह कार्रवाई गंज कोतवाली पुलिस की संस्तुति रिपोर्ट पर की गई है। कोर्ट ने पुलिस को दोनों के शस्त्र जमा कराने के आदेश दिए हैं। मालूम हो कि सपा से राज्यसभा सदस्य और शहर विधायक रह चुकीं डा. तजीन फात्मा तथा स्वार से विधायक रह चुके अब्दुल्ला आजम पर तमाम मुकदमे दर्ज हैं।
दोनों के नाम पर 32 बोर की रिवाल्वर के लाइसेंस हैं। मुकदमों को आधार बनाकर गंज कोतवाली पुलिस ने पूर्व में दोनों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति रिपोर्ट डीएम को भेजी थी, जिस पर डीएम कोर्ट से दोनों को नोटिस जारी किए गए थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद डीएम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम और तजीन फात्मा के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही गंज कोतवाली पुलिस को शस्त्र जमा कर रिपोर्ट कोर्ट को भेजने के आदेश जारी किए हैं।
शहर के चर्चित यतीमखाना प्रकरण में गवाह रीकॉल कराने के बचाव पक्ष के तीनों प्रार्थना पत्र अदालत ने खारिज कर दिए हैं। एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट के इस आदेश को सपा नेता आजम को झटका के तौर पर देखा जा रहा है। मालूम हो कि सपा सरकार में शहर कोतवाली क्षेत्र के यतीमखाना में जबरन बस्ती को खाली कराया गया था। आरोप है कि तत्कालीन मंत्री मोहम्मद आजम खां के इशारे पर उनके मीडिया प्रभारी, तत्कालीन सीओ सिटी, कुछ पुलिस वालों और ठेकेदारों ने घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ की थी, विरोध करने पर मारपीट भी की थी।
इन मुकदमों की पत्रावली एग्जाई करते हुए एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में एक साथ सुनवाई चल रही है। पूर्व में बचाव पक्ष की ओर से तीन अलग-अलग प्रार्थना पत्र दिए गए थे, जिसमें गवाहों को रीकॉल कराने का अनुरोध अदालत से किया था। इस पर अभियोजन पक्ष ने आपत्ति लगाई थी। दोनों पक्षों की बहस पूर्व में पूरी हो गई थी, शुक्रवार को मामला फैसले पर लगा था। एडीजीसी सीमा सिंह राणा ने बताया कि अदालत ने गवाह रीकॉल कराने के तीनों प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए हैं।