सावधान! मानसून में कैंसर मरीजों के लिए सबसे ज्यादा होता है इन्फेक्शन का खतरा

मानसून जहां ताजगी लाता है तो वहीं कैंसर मरीजों की लिए इन्फेक्शन का खतरा बढ़ा देता है.

मानसून ठंडी हवा और ताज़गी भरी बारिश के साथ सुखद मौसम लेकर आता है लेकिन क्या आपको पता है कि ये मानसून जहां ताजगी लाता है तो वहीं कैंसर मरीजों की लिए इन्फेक्शन का खतरा बढ़ा देता है. बारिश का मौसम कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए किसी चुनौतीपूर्ण से कम नही है. बारिश की वजह से हवा में नमी बढ़ जाती है जिसकी वजह से बैक्टीरिया और कई तरीके के वायरस फैलने लगते है.

बारिश का मौसम कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देती है खासकर कैंसर के मरीजों के लिए यह मौसम और भी संवेदनशील हो जाता है. कैंसर के मरीजों के लिए, जैसे कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी, मरीजों की इम्यूनिटी को कमजोर कर देते हैं. कमजोर इम्यूनिटी के कारण शरीर को बैक्टीरिया से लड़ने में दिक्कत होती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. बता दें कि कैंसर के मरीजों का शरीर पहले से कमजोर होता है, इसलिए इनका सामना करना और भी मुश्किल हो जाता है. गंदे पानी में नहाने या चलने से, या फिर दूषित खाना खाने से बैक्टीरिया का संक्रमण जल्दी होता है.

कैंसर मरीज कैसे करें अपना बचाव

इम्यूनिटी

इम्यूनिटी बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स लें और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें. इसमें ताजे फल, सब्जियां, और प्रोटीन से भरपूर भोजन शामिल करें.

बाहर के खाने से बचें

मानसून में बाहर का खाना खाने से बचें, क्योंकि इस मौसम में खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं और संक्रमण का कारण बन सकती हैं.

भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें

भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाए क्योंकि वहां संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है.

गंदे पानी से बचें

बारिश का पानी अक्सर दूषित होता है. गंदे पानी में चलने से बचें और प्यास लगने पर केवल साफ और उबला हुआ पानी ही पिएं.

इसके अलावा यदि बुखार, खांसी, गले में खराश या कोई और इंफेक्शन के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.कैंसर के मरीजों के लिए मानसून का मौसम सावधानी बरतने का समय है. जिससे संक्रमण से बचा जा सकता है. अपनी सेहत का ख्याल रखें और सुरक्षित रहें.

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