लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा मण्डप की नवीनीकृत दर्शक दीर्घाओं का उद्घाटन किया। यह आयोजन संविधान लागू होने के 75वें वर्ष के अवसर पर हुआ। इस दौरान सभी विधानसभा सदस्यों को संविधान की एक-एक मूल प्रति भेंट की गई, जिसे 26 जनवरी 2025 को संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रत्येक सदस्य को सौंपा जाएगा।
उद्घाटन के बाद, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने संविधान की मूल प्रति की एक-एक प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को भेंट की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने सभी नेताओं को दो और महत्वपूर्ण पुस्तकें भी भेंट की। एक पुस्तक उत्तर प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों के बारे में थी, जबकि दूसरी पुस्तक नेता प्रतिपक्ष के बारे में थी।
मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर कहा कि लोकतंत्र में विधायिका का अत्यधिक महत्व है। विधानसभा एक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करती है, जहां प्रदेश के विकास पर चर्चा होती है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष महाना के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विधानसभा को लोकतांत्रिक रूप से मजबूत करने के साथ ही आधुनिकता से जोड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि यूपी विधानसभा अब पेपरलेस हो गई है, जो एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी बताया कि विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अब 20-20 सदस्य एक साथ सवाल पूछ सकते हैं, जो सच्चे लोकतंत्र की मिसाल है। महिला सदस्यों के लिए पूरा दिन निर्धारित करना, दर्शक दीर्घा का नवीनीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने इस दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इन पुस्तकों को सभी सदस्य पढ़ें ताकि वे जान सकें कि अब तक किन-किन महानुभावों ने नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष के रूप में योगदान दिया है।