पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर स्वामी रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

नयी दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में स्वामी रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। केरल की पलक्कड़ जिला अदालत ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह मामला तीन साल पहले कन्नूर के नेत्र रोग विशेषज्ञ केवी बाबू द्वारा पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ की गई शिकायत से शुरू हुआ था।

केरल के दवा नियामकों द्वारा पतंजलि के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। इन विज्ञापनों में स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों के बारे में गलत और भ्रामक दावे किए गए थे। इसी के चलते केरल ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने नवंबर 2023 में पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, जिसमें ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट (1954) का उल्लंघन पाया गया।

यह अधिनियम खासतौर पर कुछ विशिष्ट बीमारियों का इलाज करने का दावा करने वाले विज्ञापनों को प्रतिबंधित करता है। इस मामले में केरल में 10 और उत्तराखंड में एक मामला दर्ज किया गया था। पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि को भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित चेतावनी दी थी। अब, अदालत ने स्वामी रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जिससे यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है।

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