
लखनऊ। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा अंसल को दिवालिया घोषित करने के आदेश के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी पूरी कर ली है। गुरुवार को अधिकारियों ने अनुभवी अधिवक्ताओं की कमेटी के माध्यम से सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ पत्रावली तैयार कर ली, जिसे किसी भी समय कोर्ट में दायर किया जा सकता है। इसके साथ ही, गोमती नगर पुलिस ने टाउनशिप में हुए फर्जीवाड़े की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अंसल पर करोड़ों का बकाया, निवेशकों से ठगी
एलडीए ने सुशांत गोल्फ सिटी में हाईटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए 411 एकड़ जमीन बंधक रखी थी, जिसे अंसल और उसके साझेदारों ने अवैध रूप से बेच दिया। इस कारण एलडीए का अंसल पर ब्याज समेत 450 करोड़ रुपये बकाया हो गया। इसके अलावा, अंसल और उसके सहयोगियों ने 7,500 निवेशकों से करोड़ों रुपये लेकर भूखंड बेच दिए, लेकिन वैध स्वामित्व स्थानांतरित नहीं किया।
टाउनशिप के नाम पर कई नियमों का उल्लंघन किया गया। बिना जमीन के भूखंड बेच दिए गए और आरक्षित सरकारी जमीन भी अवैध रूप से बेची गई, जिससे करोड़ों रुपये का गबन हुआ।
एनसीएलटी का आदेश विवादित, एलडीए की अपील
25 फरवरी को एनसीएलटी ने अंसल को दिवालिया घोषित कर दिया, लेकिन इस फैसले की जानकारी एलडीए और निवेशकों को नहीं दी गई। इससे करोड़ों रुपये की संपत्तियां फंस गईं। इस स्थिति को अनुचित मानते हुए एलडीए ने आदेश के खिलाफ अपील की तैयारी पूरी कर ली है।
अंसल प्रमोटर्स और अन्य के खिलाफ एफआईआर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एलडीए ने अंसल के प्रमोटर्स प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फ्रेंसेटी पैट्रिका अटकिंशन, निदेशक विनय कुमार सिंह समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
एलडीए ने वर्ष 2005 से टाउनशिप में हुए नियमों के उल्लंघन, फर्जीवाड़ा, निवेशकों के साथ धोखाधड़ी और सरकारी जमीन बेचने से जुड़े रिकॉर्ड मांगे हैं। गुरुवार को गोमती नगर पुलिस एलडीए कार्यालय पहुंची और अधिकारियों से जानकारी ली।
निबंधन विभाग पर भी उठे सवाल
एलडीए ने दो माह पहले अंसल टाउनशिप में रजिस्ट्री करने पर रोक लगाई थी, बावजूद इसके 200 से अधिक रजिस्ट्रियां कर दी गईं। इससे निबंधन विभाग भी जांच के घेरे में आ गया है।
निवेशकों की परेशानी, क्लेम प्रक्रिया पर असमंजस
सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंसल एपीआई कार्यालय में निवेशकों की भारी भीड़ उमड़ी। इनमें ‘आसरा’ और ‘भरोसा’ योजनाओं के खरीदार भी शामिल थे, जिन्होंने बिल्डर पर फ्लैट न देने का आरोप लगाया।
निवेशकों को एनसीएलटी द्वारा नियुक्त आईआरपी की वेबसाइट पर जाकर क्लेम भरने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। 7500 निवेशकों में से अधिकांश यूपी और अन्य राज्यों से हैं, जो क्लेम करने से वंचित रह सकते हैं।
श्मशान भूमि पर कब्जे का आरोप, विरोध प्रदर्शन
मुजफ्फर नगर घुसवल के महमूदपुर गांव के पास स्थित श्मशान घाट की जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर किसानों ने विरोध किया और अंसल पर कब्जे का आरोप लगाया। खनन के चलते आम के पेड़ों की जड़ें प्रभावित हुई हैं, जिससे पेड़ सूखने की आशंका है। सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डंपर जब्त किए।
एफआईआर दर्ज कराने के लिए निवेशकों का संघर्ष
निवेशकों द्वारा थानों में शिकायत दर्ज कराने की कोशिशें नाकाम हो रही हैं। कई लोगों ने आरोप लगाया कि उनकी तहरीर तक स्वीकार नहीं की गई। पुलिस जांच का हवाला देकर मुकदमा दर्ज करने से बच रही है।
इस पूरे प्रकरण में निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन और न्यायालय की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।