
लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने पार्टी में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक सिद्धार्थ और बसपा नेता नितिन सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन दोनों नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था, जिसके चलते यह सख्त कदम उठाया गया।
बसपा प्रमुख मायावती ने इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा,बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व श्री नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
डॉ. अशोक सिद्धार्थ बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर भी हैं और लंबे समय तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते रहे हैं। वहीं, नितिन सिंह मेरठ के रहने वाले हैं और बसपा के दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के प्रभारी रह चुके हैं। पार्टी ने इन दोनों नेताओं को पहले भी चेतावनी दी थी, लेकिन जब वे अपनी गतिविधियों से बाज नहीं आए तो उन्हें पार्टी से बाहर करने का फैसला लिया गया।
मायावती का सख्त संदेश
इस फैसले के जरिए मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि बसपा में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे यह भी संकेत मिलता है कि पार्टी नेतृत्व अब संगठन को अधिक सख्ती से नियंत्रित करेगा और किसी भी तरह की अंदरूनी कलह को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।मायावती के इस कदम को बसपा में अनुशासन बहाल करने की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।
क्या आकाश आनंद पर भी पड़ेगा असर?
नितिन सिंह को मायावती के भतीजे आकाश आनंद का करीबी माना जाता है। जहां-जहां आकाश आनंद को संगठन की जिम्मेदारी दी गई, वहां नितिन सिंह को भी प्रभारी नियुक्त किया गया। ऐसे में इन दोनों नेताओं की निष्कासन को सीधे तौर पर आकाश आनंद के प्रभाव को सीमित करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह फैसला पार्टी में आंतरिक गुटबाजी को खत्म करने की मायावती की रणनीति का हिस्सा भी माना जा सकता है।