
आकाश आनंद के ससुर अपने समधी को बहन जी ने किया माफ़
राज्य ब्यूरो लखनऊ – बीएसपी के मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के ससुर पूर्व राज्यसभा सांसद अपने समाधि अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में एंट्री दी । मायावती ने एक्स पर किए गए पोस्ट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया अशोक सिद्धार्थ ने अपने द्वारा की हुई गलतियों को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है पार्टी हित एवं बाबा साहब के कारवां को आगे बढ़ाने को लेकर उनका निष्कासन तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।
पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ का माफ़ी नामा.
मैं #अशोक_सिद्धार्थ बी.एस.पी. पूर्व सांसद निवासी जिला फर्रुखाबाद बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व यू.पी. की चार बार रही मुख्यमंत्री एवं कई बार लोकसभा व राज्यसभा में रही सांसद आदरणीय बहन सुश्री मायावती जी का ह्रदय से सम्मान एवं चरण-स्पर्श करता हूं और मुझसे पार्टी का कार्य करने के दौरान ‘‘जाने व अनजाने’’ में तथा गलत लोगों के बहकावे में आकर जो भी गलियां हुई है। तो उसके लिए मैं आदरणीय बहन जी से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। जिन्होंने अनेकों कष्ट झेलकर, अपनी पूरी जिन्दगी, इस देश के करोड़ों दलितों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के हित व कल्याण के लिए समर्पित की है। आदरणीय बहन जी से मैं हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि वे मुझे माफ कर दें, आगे मैं कभी भी गलती नहीं करूँगा और पार्टी के अनुशासन में ही रहकर, उनके मार्ग-दर्शन एवं दिशा-निर्देश में ही कार्य करूँगा। साथ ही मैं रिश्तेदारी आदि का भी कोई नाजायज फायदा नहीं उठाऊँगा। यहाँ मैं यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि खासकर श्री संदीप ताजने बी.एस.पी. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महाराष्ट्र व श्री हेमन्त प्रताप, निवासी जिला फिरोजाबाद तथा यू.पी. के अन्य जिन भी गलत लोगों को पार्टी से निकाला गया है तो मैं उनको वापस लेने के लिए कभी भी सिफारिश नहीं करूँगा। यह भी मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं। अन्त में अब मैं पुनः आदरणीय बहन जी से अपनी सभी छोटी-बड़ी गलतियों की माफी माँगते हुए उनसे पार्टी में वापस लेने के लिए विशेष आग्रह करता हूं। बहन जी की अति कृपा होगी।
पूर्व सांसद के माफीनामे पर बहनजी की दरियादिली.
बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) के कई ज़िम्मेदार पदों पर लम्बे वर्षों तक कार्यरत रहे एवं पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद श्री अशोक सिद्धार्थ, जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिये कुछ माह पहले पार्टी से निकासित कर दिया गया था, उन्होंने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आज अपने लम्बे पोस्ट के ज़रिये सार्वजनिक तौर पर अपनी ग़लती की माफी माँगी है तथा आगे पार्टी और बी.एस.पी. मूवमेन्ट के प्रति पूरी तरह से वफादार रहकर बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान के मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लग जाने का आश्वासन बहुजन समाज व बी.एस.पी. नेतृत्व को दिया है।हालाँकि उन्हें अपनी ग़लती का एहसास बहुत पहले हो चुका था और वे इसका लगातार पश्चाताप विभिन्न स्तर पर कर रहे थे, किन्तु आज उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपना पछतावा ज़ाहिर किया, जिसको ध्यान में रखते हुये पार्टी व मूवमेन्ट के हित में उन्हें पार्टी द्वारा एक मौका दिया जाना उचित समझा गया है और इसलिये बी.एस.पी. से उनके निकासिन का फैसला आज तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है अर्थात इनको पार्टी में वापस ले लिया गया है।उम्मीद है कि पार्टी के अन्य सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं की तरह वे भी पूरे तन, मन, धन से पार्टी व मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में अपना भरपूर योगदान ज़रूर देंगे, ताकि बी.एस.पी. के नेतृत्व में बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर का कारवाँ आगे बढ़ता हुआ बहुजन समाज को शोसित वर्ग से ऊपर उठाकर यहाँ प्रदेश एवं देश का शासक वर्ग बना सके।
पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि अशोक सिद्धार्थक आने से पार्टी को दक्षिण राज्यों में को मजबूती मिलने के साथ ही पुराने कार्यकर्ताओं की वापसी का रास्ता और साफ होगा।
