
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जब दिल्ली से बिहार जा रही एक डबल डेकर बस में भीषण आग लग गई। यह हादसा लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र के निकट किसान पथ पर हुआ, जिसमें पांच लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। आग लगने के समय बस में करीब 60 से अधिक यात्री सवार थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी भीषण थी कि उसकी लपटें एक किलोमीटर दूर से दिखाई दे रही थीं। फायर ब्रिगेड की छह से अधिक गाड़ियों ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था।
हादसे के समय यात्री सो रहे थे
बताया गया कि जब बस में आग लगी, उस समय ज्यादातर यात्री गहरी नींद में थे। अचानक धुआं भरने से यात्रियों की नींद खुली और अफरातफरी मच गई। एक यात्री ने बताया कि “चीख-पुकार सुनकर मैं उठा और पत्नी को जगाया। किसी तरह हम दोनों बस से नीचे उतरे, लेकिन कई यात्री फंसे रह गए।”
एक अन्य यात्री के मुताबिक, आग गियर के पास स्पार्किंग के कारण लगी। हैरानी की बात यह रही कि ड्राइवर और कंडक्टर किसी को सूचना दिए बिना बस से कूदकर भाग गए।
इमरजेंसी गेट नहीं खुला, फंसे रह गए यात्री
पुलिस जांच में सामने आया है कि बस का इमरजेंसी गेट नहीं खुला, जिसके चलते पीछे बैठे यात्रियों को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला और वे बस के अंदर ही फंस गए। वहीं, ड्राइवर की सीट के पास एक अतिरिक्त सीट लगी थी, जो बस से बाहर निकलने में बाधा बनी।
स्थानीय लोग बने मददगार
आसपास मौजूद ग्रामीणों और राहगीरों ने तत्परता दिखाते हुए कई यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की। सूचना मिलने पर पुलिस और दमकल विभाग की टीमें भी मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
इस हादसे ने बसों की सुरक्षा व्यवस्था और उनकी जांच-पड़ताल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों के अनुसार, बस में आग बुझाने के कोई इंतजाम नहीं थे और ना ही चालक दल ने यात्रियों की मदद करने की कोशिश की। पुलिस ने पांचों मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं और मामले की जांच शुरू कर दी है।