महाकुंभ में रबड़ी वाले बाबा ने बटोरी सुर्खियां, श्रद्धालुओं को मुफ्त में खिलाते हैं रबड़ी

प्रयागराज। संगम नगरी में चल रहे भव्य महाकुंभ में साधु-संतों की विशिष्ट वेशभूषा और अनूठी साधना चर्चाओं में बनी हुई है। इन्हीं में से एक हैं महंत देव गिरि जी महाराज, जिन्हें लोग प्यार से रबड़ी वाले बाबा के नाम से जानते हैं।

गुजरात के पाटन जिले से आए बाबा अपने शिविर के बाहर बड़ी कड़ाही में रबड़ी बनाते हैं। खास बात यह है कि वे इसे खुद तैयार करते हैं और श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित करते हैं। बाबा के मुताबिक, इस रबड़ी को 33 करोड़ देवी-देवताओं को भोग लगाने के बाद साधु-संतों, मीडियाकर्मियों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मियों में बांटा जाता है।

रबड़ी बनाने की परंपरा

रबड़ी वाले बाबा का कहना है कि यह उनका पांचवां कुंभ है। वे बताते हैं, “हमने 2019 के कुंभ में डेढ़ महीने तक भगवान कपिल मुनि को रबड़ी चढ़ाई थी। इस बार हमने 9 दिसंबर 2024 से रबड़ी बनाना शुरू किया है, जो 6 फरवरी 2025 तक चलेगा।” बाबा हर दिन करीब 150 लीटर दूध से रबड़ी बनाते हैं।

आत्मनिर्भरता और सेवा की मिसाल

महंत देव गिरि ने बताया कि वे 15 बीघा जमीन के मालिक हैं और खुद खेती करते हैं। रबड़ी बनाने और वितरण का पूरा खर्च वे अपनी जेब से उठाते हैं। उनका कहना है, “मैं किसी से आर्थिक मदद नहीं लेता। यह सेवा मेरे लिए धर्म का हिस्सा है।”

सनातन धर्म की शिक्षा और अपील

बाबा ने 13 साल की उम्र में संन्यास लिया था और अब उनकी उम्र 53 साल हो चुकी है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से महाकुंभ में शामिल होकर स्नान करने और सनातन धर्म को जानने की अपील की।

महाकुंभ, जो 13 जनवरी से शुरू हुआ है, 26 फरवरी तक चलेगा। यह कुंभ 144 साल बाद आया है, और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम पर स्नान और बाबा जैसे साधुओं का आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ रही है।

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