प्रधानमंत्री मोदी ने राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर दी शुभकामनाएं

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस अवसर पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा,अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष से बना यह मंदिर हमारी संस्कृति और अध्यात्म की महान धरोहर है। मुझे विश्वास है कि यह दिव्य-भव्य राममंदिर विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में एक बड़ी प्रेरणा बनेगा।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया रामलला की तस्वीर साझा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस अवसर पर सोशल मीडिया पर रामलला की तस्वीर साझा करते हुए लिखा,
“हम चाकर रघुवीर के… जय श्री राम। रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:।। जय जय श्री राम।”

श्रद्धालुओं में उत्साह
रामलला के दर्शन और इस खास आयोजन में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालु अयोध्या पहुँच रहे हैं। भोपाल से आईं सरला माहेश्वरी ने कहा,
“हम वर्षगांठ समारोह में भाग लेने के लिए दो दिन पहले अयोध्या पहुंचे थे। भगवान रामलला के दर्शन करने का यह अवसर हमारे लिए अत्यंत सौभाग्यशाली है।”

स्थानीय निवासी अनूप मिश्रा ने बताया कि जनवरी 2024 में जब प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ था, तब वे राम जन्मभूमि नहीं जा सके थे। लेकिन इस बार, वर्षगांठ के मौके पर रामलला के दरबार में पहुँचकर वे धन्य महसूस कर रहे हैं।

भव्य आयोजन के लिए विशेष प्रबंध
राममंदिर ट्रस्ट के अनुसार, 11 से 13 जनवरी तक आयोजित इस समारोह में आम लोगों को भी भाग लेने का अवसर मिलेगा। इसमें वे श्रद्धालु भी शामिल हो सकेंगे, जो पिछले साल ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा नहीं बन सके थे।

इसके लिए अंगद टीला स्थल पर जर्मन हैंगर टेंट लगाया गया है, जिसमें करीब 5,000 लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था की गई है। समारोह के दौरान मंडप और यज्ञशाला में शास्त्रीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, अनुष्ठान, और दैनिक राम कथा प्रवचन होंगे।

वीआईपी और आमंत्रित अतिथि
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करीब 110 वीआईपी मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनने अयोध्या पहुँच रहे हैं।

संस्कृति और अध्यात्म की धरोहर
यह मंदिर न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि देशवासियों के लिए आस्था और प्रेरणा का केंद्र भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में एक प्रेरणा” बताया।

समारोह का महत्व
राममंदिर का निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सदियों के संघर्ष, त्याग, और तपस्या का परिणाम है। यह आयोजन मंदिर की प्रतिष्ठा और भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करता है।

श्रद्धालुओं और आयोजनकर्ताओं के लिए यह अवसर न केवल धार्मिक, बल्कि एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अनुभव भी है। अयोध्या में इस भव्य समारोह का आयोजन, भारतीय संस्कृति और परंपराओं की विशालता को दर्शाता है।

Related Articles

Back to top button