लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ बिना नियम का पालन किए बुलडोजर की कार्रवाई नहीं जा सकती है। इसके साथ कोर्ट ने ही बुलडोजर एक्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी। अपने फैसले में कोर्ट ने यह भी कहा कि सिर्फ आरोपी है इसलिए घर को नहीं गिरा सकते। अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं’,’सजा देने के लिए ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी तो वहीं कोर्ट ने अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिया है कि गलत एक्शन पर जेब से जुर्माना देना पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सबसे अहम बात कही है कि कार्यपालिका को न्यायपालिका का काम नहीं करना चाहिए। न्यायपालिका का काम न्यायालय पर छोड़ना चाहिए। दूसरी सबसे अहम बात जो कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी मनमाने ढंग से कार्रवाई करता है, नियम का पालन नहीं करता है तो उनपर भी कार्रवाई की जाएगी साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा और जिस आरोपी का घर गिराया जाएगा उसको मुआवजा देना होगा। इसके अलावा बुलडोज़र की कार्रवाही सिर्फ अवैध स्थानों पर ही की जाएगी और एक्शन लेने से पहले 15 दिन का नोटिस भी देना होगा।
आपको बता दें कि कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन मामले पर सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगाने के फैसले को बरकरार रखा है और साफ तौर से कह दिया है कि सिर्फ आरोप के आधार पर किसी आरोपी के घर को नहीं गिराया जा सकता। SC की बेंच ने कहा कि वे महिलाओं, बच्चों को सड़कों पर छोड़कर खुश नहीं है। बुलडोजर एक्शन पर मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं है। मनमाने तरीके से घर गिराया तो प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार होगा। इसके साथ ही अवैध कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए। अगर अवैध तरीके से घर तोड़ा गया तो पीड़ितों को उसका मुआवजा मिले। बिना मुकदमे के मकान नहीं गिरा सकते, सरकार की जिम्मेदारी है कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखें।
अब इस पूरे मामलें पर BSP चीफ मायावती ने बुलडोजर रोक पर यूपी सरकार से उम्मीद जताई है। बता दें कि मायावती ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट पर अपनी प्रतिकिया व्यक्त करते हु लिखा कि ‘सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर विध्वंसों से जुड़े आज के फैसले व तत्सम्बंधी कड़े दिशा-निर्देशों के बाद यह उम्मीद की जानी चाहिए कि यूपी व अन्य राज्य सरकारें जनहित व जनकल्याण का सही व सुचारू रूप से प्रबंधन करेंगी और बुलडोजर का छाया आतंक अब जरूर समाप्त होगा’।