राकेश मल्होत्रा ने अपने पूरे परिवार के साथ विजय श्री फाउंडेशन में मनाई स्व. के के मल्होत्रा की स्मृति दिवस

लखनऊ । सोमवार (30 सितम्बर ) को यहां विजय श्री फाउंडेशन ( प्रसादम सेवा) के तत्वाधान में राकेश मल्होत्रा ने अपने पुरे परिवार के साथ स्व. के के मल्होत्रा की स्मृति दिवस पर में प्रेम, शांति एवं मानवता के दिव्य संदेश सेवा भाव की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाते हुए पूरी श्रद्धा और तन्मयता से लोहिया हॉस्पिटल, लखनऊ में नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए उन्हे प्रसाद वितरण किया । इस मौके पर आप लोग नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए भाव विभोर हो गए,आप लोगो ने इंसानियत ही सबसे बड़ा मजहब के भाव को वास्तविकता के धरातल पर चरितार्थ किया।

मित्रों ,ईश्वर ही इस प्रकृति के रचनाकर्ता हैं और वह ही इस प्रकृति की रचना को क्षण भर में नष्ट कर सकते हैं और पलभर में एक नई रचना पुन: रच सकते हैं। इस साम‌र्थ्यवान ईश्वर के हाथ में सभी कुछ है। जो इस सत्य को न समझने की भूल करते हैं और स्वयं को सर्वशक्तिमान मानने लगते हैं, वे मनुष्य दंड के पात्र बनते हैं। उनके अनुसार यह संसार उनकी जागीर है परमात्मा सर्वशक्तिमान है। शक्तिऔर साम‌र्थ्य होते हुए भी वह सभी पर दया करता है। वह दया का सागर है, प्रेम का भंडार है। उससे कोई प्रीति करे न करे, वह सबसे प्रीत करता है। भगवान तो अपने सेवक पर अति प्रीत रखते हैं।

मैं फूडमैन विशाल सिंह ने विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा की तरफ़ से स्व. के के मल्होत्रा को श्रद्धा सुमन अर्पित की I भाइयों , जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं ,इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में राकेश मल्होत्रा एवं स परिवार ने प्रतिभाग करते हुए गरीब,असह्य,भूख से तडफते और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है, इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हू कि जे.एस.वी. फाउंडेशन हमेशा धन- धान्य से परिपूर्ण रहे , आप सब इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे । यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है ।

सेवा धर्म अपनाये बिना किसी श्रेयार्थी का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता। इसलिए उसका समावेश जीवन क्रम में निश्चित रूप में करना चाहिए पर साथ ही यह भी परख लेना चाहिए कि अपना प्रयत्न संसार में सत्प्रवृत्तियों के अभिवर्धन के लिए- विश्व-मानव की भावनात्मक सेवा की कसौटी पर खरा उतर रहा है या नहीं? युग-निर्माण योजना एक प्रकार की सार्वभौम आध्यात्मिक उपासना है।
[ फ़ूडमैन विशाल सिंह ]

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