निष्काम सेवा का अधिष्ठान यह भावना है कि संसार जगतनियंता की लीलास्थली है जिसमें वह परमप्रभु स्वयं विविधि रूपों में अपने खेल रचता है और स्वयं ही खेलता है। उस महाप्रभु से साक्षात्कार करने का एक साधन तन, मन, धन, पद, प्रतिष्ठा,मोह, ममता और अहंकार का पूर्ण समर्पण है। तेरा तुझ को अर्पण क्या लागे मेरा की भावना से समस्त सांसारिक व्यवहार परमात्मा के है ,परमात्मा के लिये है ,हम निमित्त मात्र हैं , कठपुतली की भाँति उनके खेल के साधन है। –फ़ूडमैन विशाल सिंह
विजय श्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा के तत्वाधान में नन्द किशोर अवस्थी ने अपने पूरे परिवार के साथ स्वर्गीय पं. काली प्रसाद अवस्थी की पुण्य स्मृति में एवं अपने पितरों के तर्पण हेतु प्रेम, शांति एवं मानवता के दिव्य संदेश सेवा भाव की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाते हुए पूरी श्रद्धा और तन्मयता से लोहिया हॉस्पिटल , लखनऊ में नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए उन्हें प्रसाद वितरण किया। इस मौके पर आप लोग नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए भाव विभोर हो गए , आप लोगो ने “नर सेवा नारायण सेवा” के भाव को वास्तविकता के धरातल पर चरितार्थ किया।
स्वर्गीय पं. काली प्रसाद अवस्थी की पुण्य स्मृति के अवसर पर आपका पूरा परिवार सैकड़ों निःसक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर उनके आत्मा को आनंदित करने को जो पावन कार्य किया है, उसके लिए उन असहाय लोगों के दिल से निकली दुआएं आप तथा आपके परिवार के जीवन में मंगल आशीषों की वर्षा करेंगी, क्योंकि परमात्मा ने हमें इस धरती पर इसीलिए भेजा हैं ताकि दान, धर्म, पुण्य करके हम गरीबों, असहाय लोगों की मदद कर सकें।
विजयश्री फाउन्डेशन , प्रसादम सेवा के संस्थापक फ़ूडमैन विशाल सिंह ने स्वर्गीय पं. काली प्रसाद अवस्थी की पुण्यस्मृति के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित की।
इस दौरान फ़ूडमैन विशाल सिंह ने कहा, जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में नन्द किशोर अवस्थी ने अपने पूरे परिवार के साथ प्रतिभाग करते हुए गरीब , असह्य , भूख से तडपतें और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है , इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि आप और आपका परिवार हमेशा धन-धान्य से परिपूर्ण रहे , आप इसी तरह से मुस्करातें हुए लोगो की सेवा करे, यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है।