जम्मू-कश्मीर: भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एक सार्वजनिक रैली की। इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ अपने मजबूत संकल्प की घोषणा की। शाह ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को ‘पाताल में दफन’ कर देगी।
आगे उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फैलाने वाले राजनीतिक गठबंधनों पर तीखा हमला किया। उनका इशारा नेहरू-गांधी परिवार और अब्दुल्ला परिवार की ओर था, जिन्होंने, उनके अनुसार, इस क्षेत्र में आतंकवाद की जड़ें मजबूत की हैं।
अमित शाह ने आरोप लगाया कि यह गठबंधन फिर से जनता का आशीर्वाद प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार “विकसित कश्मीर” के निर्माण की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि धारा-370 की समाप्ति के बाद, जम्मू-कश्मीर की महिलाओं को मिले आरक्षण की सुरक्षा की आवश्यकता है और कुछ दल इस आरक्षण को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
ALSO READ: नर्स बेहतर सेवा के लिए स्थानीय भाषा को भी सिखें : केंद्रीय वित्त मंत्री
शाह के इस बयान ने जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को लेकर विवाद को और बढ़ा दिया है। गृहमंत्री के इस बयान के जरिए, भाजपा ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और अस्थिरता के खिलाफ उनकी नीतियों में कोई ढील नहीं होगी और वे कश्मीर को एक स्थिर और विकसित क्षेत्र के रूप में देखने की दिशा में काम करेंगे।
इस बीच, विपक्षी दल और उनके समर्थक इस मुद्दे पर भाजपा की नीतियों और दृष्टिकोण को लेकर सवाल उठा सकते हैं, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गरम हो सकता है।