अनुभव के साथ संवेनशीलता भी बढ़ाएं डॉक्टर: सीएम योगी

डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने अपना चौथा स्थापना दिवस समारोह लखनऊ में मनाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

लखनऊ: डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने अपना चौथा स्थापना दिवस समारोह लखनऊ के गोमतीनगर के विभूति खंड स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शुक्रवार को मनाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। आपको बता दें कि इस समारोह में सीएम योगी ने चिकित्सक के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले 10 डॉक्टर्स को सम्मानित किया।

इस खास मौके पर MBBS छात्र, डॉक्टर और मरीजों को कई सौगातें मिली। इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहें तो वहीँ मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

पूर्वी यूपी का गेटवे ‘लोहिया संस्थान’

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लखनऊ, उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा केंद्र है 70 लाख आबादी सिर्फ लखनऊ में निवास करती है। आगे उन्होंने कहा कि लोहिया संस्थान पूर्वी यूपी का गेटवे है, बिहार, नेपाल से लोग यहाँ इलाज करवाने आते है। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का यह स्थापना दिवस समारोह न केवल संस्थान के गौरवशाली इतिहास को उजागर करता है, बल्कि भविष्य की दिशा में बढ़ते कदमों को भी दर्शाता है।

सिर्फ यूपी 25 करोड़ की आबादी वाला राज्य है, यह चुनौतीपूर्ण है और एक अवसर भी। सेवा के साथ रिसर्च एक्टिविटी का माध्यम बन सकता है। यूपी के लगभग सभी अस्पतालों में अच्छी सुविधाएँ दी जा रही है, संस्थान अगर अच्छे कार्य कर रहा है तो उसके अच्छे परिणाम मिलते है। उत्तर प्रदेश का चिकित्सा क्षेत्र नवाचार और समर्पण के साथ न केवल प्रदेश, बल्कि देश के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत बन रहा है।

रिसर्च और स्टडी की जरुरत

एक हॉस्पिटल अच्छे संस्थान के रूप में विकसित हो रहा है, अच्छे हाथों में संस्थान होने से ही संस्थान आगे बढ़ेगा, संस्थान की मेहनत से ही जनता को फायदा मिलता है, अच्छे काम के सदैव अच्छे परिणाम होते है। सीएम योगी ने आगे कहा कि हॉस्पिटल के साथ सीएचसी, पीएचसी के साथ इंस्टिट्यूट का समायोजन हो। सभी डॉक्टर को अनुभव के साथ संवेनशीलता भी बढ़ानी होगी, रिसर्च और स्टडी की जरुरत है। नेशनल, इंटरनेशनल में उनकी आर्टिकल भी छापना चाहिए।

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