मित्रों , आज विजयश्री फाउन्डेशन , प्रसादम सेवा के तत्वाधान में चिरंजीवी पार्थ उपाध्याय के जन्म दिन की मंगल वेला पर सेवा धर्म की पावन मन्दाकिनी में डुबकी लगाते हुए आपका पूरा परिवार मेडिकल कॉलेज , लखनऊ में कैंसर एवम असाध्य रोगियों के निःसक्त तिमारदारो की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया।
मित्रों , जन्म दिन की मंगल वेला पर आपका पूरा परिवार सैकड़ों निःसक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर उनके आत्मा को आनंदित करने को जो पावन कार्य किया है , उसके लिए उन असहाय लोगो के दिल से निकली दुआएं आप तथा आपके परिवार के जीवन में मंगल आशीषों की वर्षा करेंगी। क्योंकि परमात्मा ने हमें इस धरती पर इसीलिए भेजा हैं ताकि दान, धर्म, पुण्य करके हम गरीबों, असहाय लोगों की मदद कर सकें।
मैं फूडमैन विशाल सिंह ,विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा की तरफ़ से चिरंजीवी पार्थ उपाध्याय के जन्म दिन की मंगल वेला पर ढेर सारी शुभकामनाएँ देता हूँ। भाइयों , जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं ,इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में आपका पूरा परिवार प्रतिभाग करते हुए गरीब , असह्य , भूख से तडफते और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है , इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हू कि आप और आपका परिवार हमेशा धन- धान्य से परिपूर्ण रहे , आप इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे । यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है।