आज यानि कि 7 सितम्बर को पूरे देशभर में गणेश चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। देश के अलग अलग स्थानों पर पंडाल सजाएं जाते है साथ ही धर्म से जुड़े कई कार्यक्रम भी संपन्न किये जाते है। गणेश भगवान का आगमन 10 दिनों के लिए होता है। इसके बाद विघ्नहर्ता का विसर्जन किया जाट है। इस साल गणेश उत्सव का जश्न 07 सितंबर से लेकर 16 सितंबर तक मनाया जाएगा। माना जाता है कि इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से लोगों की परेशानियां दूर हो जाती है और सभी विघ्नों से भी छुटकारा मिल जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र में खास तौर से मनाया जाता है, लेकिन अब इसकी धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है। गणेश चतुर्थी, गणेश जी की जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
गणेश स्थापना का समय- 7 सितंबर यानी आज सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक। इसके लिए कुल 2 घंटे 31 मिनट का समय मिलेगा।
सभी लोग गणेश जी के दर्शन के लिए जाते है लेकिन लोगों को परिक्रमा के बारें पता नही होता हैं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि गणेश भगवान की परिक्रमा कितनी बार करनी चाहिए इसका उल्लेख शास्त्रों में भी बताया गया है।
“बह्वच परिशिष्ट” में लिखा है कि…..“एकां विनायके कुर्यात्’
अर्थात -भगवान विनायक की एक बार परिक्रमा करनी चाहिए.
किंतु “ग्रन्थ में बताया गया है कि……’तिस्त्रः कार्या विनायके॥’
इसका अर्थ है कि तीन परिक्रमाओं का विकल्प भी आदरणीय है.
नारदपुराण (पूर्वार्ध अध्याय क्रमांक 13) में भी तीन बार परिक्रमा करने का वर्णन बताया गया है कि….
’तिस्रो विनायकस्यापि’…..इसका मतलब है कि हमें भगवान विनायक की तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए.
इन सभी शास्त्रों से पता चलता है कि भगवान गणेश की सिर्फ तीन बार परिकर्मा करनी चाहिए लेकि यदि आपके पास समय नहीं है या फिर कोई अन्य समस्या हैतो एक बार भी परिकर्मा किया जा सकता है।
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