लखनऊ । गुरुवार को मानवता के मंदिर विजय श्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा के तत्वाधान में स्वर्गीय श्रीमती विन्ध्याचल देवी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर प्रेम, शांति एवं मानवता के दिव्य संदेश सेवा भाव की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाते हुए , श्री धर्मेन्द्र जी ने अपने पूरे परिवार के साथ पूरी श्रद्धा और तन्मयता से मेडिकल कॉलेज , लखनऊ में नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए उन्हे प्रसाद वितरण किया। इस मौके पर आप लोग नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए भाव विभोर हो गए , आप लोगो ने “नर सेवा नारायण सेवा” के भाव को वास्तविकता के धरातल पर चरितार्थ किया।
मित्रों , स्वर्गीय श्रीमती विन्ध्याचल देवी जी की पुण्य तिथि के अवसर पर आपका पूरा परिवार सैकड़ों निःसक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर उनके आत्मा को आनंदित करने को जो पावन कार्य किया है , उसके लिए उन असहाय लोगो के दिल से निकली दुआएं आप तथा आपके परिवार के जीवन में मंगल आशीषों की वर्षा करेंगी। क्योंकि परमात्मा ने हमें इस धरती पर इसीलिए भेजा हैं ताकि दान, धर्म, पुण्य करके हम गरीबों, असहाय लोगों की मदद कर सकें।
फूडमैन विशाल सिंह कहते है कि भोजन सेवा में उत्कृष्टता केवल गुणवत्ता में नहीं, बल्कि आत्मा में भी होती है। आपके प्रयास और संवेदनशीलता ही इसे विशेष बनाते हैं। सेवा रूपी संस्कार व्यक्ति के जीवन में बचपन से ही परिवार द्वारा पिरोई जाती है। जिसका प्रदर्शन समय- समय पर व्यक्ति के सेवा कार्यों में देखने को मिलता है।
मैं फूडमैन विशाल सिंह ,विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा की तरफ़ से स्वर्गीय श्रीमती विन्ध्याचल देवी जी की पुण्य तिथि के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ । भाइयों , जीवन में भूख ही सबसे बड़ा दुख हैं, रोग हैं, तड़प हैं,इसलिए प्रसाद सेवा के पुण्य कार्य में श्री धंमेंद्र जी ने अपने पूरे परिवार के साथ प्रतिभाग करते हुए गरीब, असह्य, भूख से तडफते और करुणा कलित चेहरों पर मुस्कान लाने का जो प्रयास किया है।
इसके लिए आपके पूरे परिवार को मेरा कोटि-कोटि वंदन एवं मैं मां अन्नपूर्णा एवं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करता हू कि आप और आपका परिवार हमेशा धन- धान्य से परिपूर्ण रहे , आप इसी तरह से मुस्कराते हुए लोगो की सेवा करे । यही पुण्यों का फिक्स डिपॉज़िट है ।