मानवता की मिशाल, माँ अन्नपूर्णा, दया, करुणा ,संवेदनशीलता, सौहार्द एवं प्रेम की प्रतिमूर्ति, महान लेखिका, प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं देश-विदेश में भारतीय संस्कृति को गौरवान्वित करने वाली डॉ मिथिलेश दीक्षित [अध्यक्ष, माधवी फाउंडेशन, लखनऊ ] के जन्मदिन की मंगल वेला पर विजयश्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा के तत्वाधान में लोहिया हॉस्पिटल एवं मेडिकल कॉलेज , लखनऊ में प्रेम, शांति एवं मानवता के दिव्य संदेश सेवा भाव की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाते हुए डॉ मिथिलेश दीक्षित ने अपने पूरे परिवार के साथ पूरी श्रद्धा और तन्मयता से नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए उन्हे प्रसाद वितरण किया।
इस मौके पर डॉ मिथिलेश दीक्षित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए भाव विभोर हो गयी, “नर सेवा नारायण सेवा” के भाव को वास्तविकता के धरातल पर चरितार्थ किया।
डॉ मिथिलेश दीक्षित ने अपने विद्यार्थी जीवन से लेकर अब तक अनवरत कई बार स्वयं कष्ट में रहते हुए भी जरूरतमंद लोगों की हर सम्भव मदद कर उनकी समस्याओं का निवारण किया। कर ‘नर सेवा नारायण सेवा विचार’ को आगे बढ़ाकर अपने माता-पिता को चरण वंदन करते हुए कहती हैं कि, हे परमपिता परमात्मा में सौभाग्यशाली हूं कि आपने मुझे ऐसे माता-पिता दिए जिनके आदर्शों पर चलकर मैं सेवा परमो धर्म विचार को आगे बढ़ाकर अपना जीवन कर्तव्य कर रही हूं।
इस मौके पर फूडमैन विशाल सिंह ,विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा की तरफ़ से डॉ मिथिलेश दीक्षित को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।