- नक्सलियों के पास से दो 303 राइफल, एक 315 बोर राइफल के साथ कई अन्य हथियार बरामद हुए
रायपुर । छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में शुक्रवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए छह माओवादियों की पहचान दुर्दांत नक्सलियों के रूप में की गई है। मारे गये नक्सलियों के सिर पर 38 लाख रुपये का नकद इनाम भी था। इस संबंध में बीते शनिवार को बस्तर पुलिस द्वारा जारी एक बयान में दावा किया गया था कि मृतक कैडर माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) सैन्य कंपनी नंबर 6 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के पूर्वी बस्तर डिवीजन के थे।
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक पुलिस ने शुक्रवार को दावा किया कि नारायणपुर में गोबेल और थुलथुली गांवों के पास कई मुठभेड़ों में सात नक्सली मारे गए, लेकिन शनिवार को मृतकों की संख्या में संशोधन किया और पुष्टि की कि कार्रवाई में तीन महिला कैडरों सहित छह माओवादी मारे गए।
पीएलजीए सेना में माओवादियों की मौजूदगी के बारे में इनपुट के आधार पर 6 जून को देर रात सुरक्षा कर्मियों और छत्तीसगढ़ पुलिस की अलग-अलग टीमों को शामिल करते हुए ऑपरेशन शुरू किया गया था। पुलिस के बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन के दौरान, शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे, हथियारबंद माओवादियों ने भटबेड़ा-बट्टेकल और छोटेतोंडेबेड़ा गांवों के पास जंगल में सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चला दीं, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
इसमें कहा गया है कि इलाके में सुरक्षाकर्मियों की अलग-अलग टीमों और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी काफी देर तक चली, जिसके बाद माओवादी एक पहाड़ी की आड़ लेकर जंगल में भाग गए। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि घटनास्थल की तलाशी के दौरान अलग-अलग स्थानों से छह वर्दीधारी माओवादियों के शव बरामद किये गये हैं।
इसके अलावा, दो 303 राइफल, एक 315 बोर राइफल, 10 बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) के गोले, एक एसएलआर मैगजीन, एक कुकर बम, पांच बैग और भारी मात्रा में विस्फोटक, दवाएं और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की गईं। घटनास्थल पर कई स्थानों पर खून के धब्बे भी पाए गए, जिससे पता चलता है कि मुठभेड़ में कुछ अन्य नक्सली या तो मारे गए या घायल हुए।
मारे गए लोगों में से चार की पहचान स्नाइपर टीम कमांडर और प्लाटून नंबर मासिया उर्फ मेसिया मंडावी के रूप में हुई। 2 सेक्शन ‘ए’ कमांडर, रमेश कोर्रम, डिप्टी कमांडर सन्नी उर्फ सुंदरी, पार्टी सदस्य और सजंती पोयम, पीएलजीए मिलिट्री के सदस्य थे। आईजी सुंदरराज ने बताया कि चारों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था।
उन्होंने बताया कि जयलाल सलाम के रूप में पहचाना गया एक अन्य व्यक्ति बयानार क्षेत्र समिति के सदस्य के रूप में सक्रिय था और उसके सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम था, जबकि जननी उर्फ जन्नी पर 1 लाख रुपये का इनाम था।