लखनऊ । नर सेवा नारायण सेवा में आज विजय श्री फाउंडेशन, प्रसादम सेवा के तत्वाधान में श्री अलोक बाजपेयी जी ने अपने पूरे परिवार के साथ शताक्षी बाजपेयी के जन्म दिन के शुभ अवसर पर मेडिकल कॉलेज , लखनऊ में कैंसर और असाध्य रोगों से पीड़ित करीब 300 मरीजों एवं उनके निःशक्त तीमारदारों को भरपेट स्वादिष्ट भोजन कराया।
आपने सेवा धर्म की पावन मन्दाकिनी में डुबकी लगाते हुए कैंसर एवम असाध्य रोगियों और उनके निःसक्त तिमारदारो की भोजन सेवा कर दरिद्र नारायण की सेवा के माध्यम से नर सेवा ही नारायण सेवा है, के ध्येय वाक्य को चरितार्थ किया।
प्रार्थयामहे भव शतायु: ईश्वर: सदा त्वाम् च रक्षतु।
पुण्य कर्मणा कीर्तिमार्जय जीवनम् तव भवतु सार्थकम् ।
इस अवसर पर विजयश्री फाउन्डेशन , प्रसादम सेवा के संस्थापक फ़ूडमैन विशाल सिंह ने बताया कि भूख के समान कोई दुःख नहीं क्षुधा के समान कोई रोग नहीं ,अरोग्यता के समान कोई सुख नहीं । इसलिए अन्न दान बहुत पुण्य का कार्य है । अन्न दान करने वाला प्राण दाता होता है । इसलिए हमें अपने जन्म दिन के अवसर पर जिस दिन हमें अपने शरीर में प्राण वायु प्राप्त हुयी , हमने जन्म लिया , उस दिन संकल्प ले कि कोई भूखा न रहे।
वास्तव में भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है । समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है । यही पुण्यों का फिक्स डिपोजिट है । फ़ूडमैन विशाल सिंह ने शताक्षी बाजपेयी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर बधाई एवं शुभ कामना देते हए कहा कि , मैं परमपिता परमात्मा, मां अन्नपूर्णा एवं मां लक्ष्मी से आपके पूरे परिवार की सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, यश, कीर्ति एवं दीर्घायु की मंगल कामना करता हूं आप सब जीवन में यूं ही मुस्कुराते हुए निःशक्तजनों की मदद कर आनंद की अनुभूति प्राप्त करें यही परमपिता परमात्मा से कामना है ।