होली रंगों, मस्ती और खुशियों का त्योहार है, जिसमें न सिर्फ स्वादिष्ट व्यंजन खाने को मिलते हैं, बल्कि हर तरफ रंग, गुलाल नजर आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है होली के ये रंग कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का कारण भी बन सकता है। रंगों को बनाने के लिए कई तरह के केमिकल और कांच के टुकड़ों का उपयोग किया जाता है, जो न सिर्फ आपकी स्किन को डैमेज कर सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को भी बढ़ा सकते हैं।
स्किन से जुड़ी समस्याएं
होली के सिंथेटिक रंगों में मौजूद केमिकल स्किन पर जलन, रेडनेस की समस्या का कारण बन सकते हैं, जिससे चेहरे पर चकत्ते या खुजली हो सकती है। कुछ लोगों को रंगों में मौजूद सामग्री से एलर्जी हो सकती है, जिससे रेडनेस, सूजन या पित्ती जैसे लक्षण हो सकते हैं।
आंखों से जुड़ी समस्याएं
कुछ होली के रंगों में सिलिका और सीसा होता है। रंगों में मौजूद इस तरह के केमिकल आंखों के लिए हानिकारक होते हैं, जिससे आंखों के डैमेज होने तक का खतरा बढ़ सकता है। इस तरह के रंग आपकी आंखों की पुतलियों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इतना ही नहीं कई बार होली खेलते समय आंखों में ज्यादा रंग जाने के कारण ग्लूकोमा और ड्राई आई की परेशानी भी हो सकती है।
सांसों में होगी ये प्रॉब्लम
होली के रंगों में सिलिका, सीसा, कांच और पारा जैसे केमिकल होते हैं, जो फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं और सांस से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जिससे आपको खांसी और सांस लेने की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा अस्थमा का दौरा, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।
इन सभी समस्याओं से बचने के लिए अपनाए ये तरीका:
- होली खेलने के लिए हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करें।
- सिंथेटिक रंगों के स्थान पर नेचुरल फूलों के कलर को चुनें।
- होली खेलते समय बच्चों पर निगरानी बनाए रखें।
- रंगों से खेलने के दौरान आंखों में चश्मा पहनना न भूलें।
- होली खेलने से पहले शरीर पर अच्छे से ऑयल मसाज करें।
- आंखों या मुंह में रंग जाने पर तुरंत साफ पानी से आंख और मुंह को साफ करें।