वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सुक्खू सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर मैंने प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को इस बारे में बता दिया है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं और वर्तमान हालात को देखते हुए मैं इस सरकार में नहीं रह सकता हूं मैं इस सरकार में नहीं रहूंगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि सरकार हर हाल में बचे।विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हमने हमेशा कांग्रेस आलाकमान का सम्मान किया है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सम्मान किया है, लेकिन विधायकों की शिकायत का समाधान नहीं हुआ, ये विधायकों की अनदेखी का ही नतीजा है कि हम राज्यसभा चुनाव हारे हैं।
विक्रमादित्य सिंह मीडिया से बात करते हुए अपने पिता को याद किया. वे भावुक दिखे, उन्होंने कहा कि हमारे पिता की तुलना बहादुर शाह जफर से की गई. पूरा चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर हुआ. जिस आदमी ने कांग्रेस को जीत दिलाई उसी की प्रतिमा के लिए शिमला के मॉल रोड पर 2 गज जमीन नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव जिन परिस्थितियों में हुए थे, उस समय नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह ने मिलकर प्रयास किए. वीरभद्र सिंह का नाम तब चुनावों में इस्तेमाल किया गया।
जयराम ठाकुर समेत 14 विधायक सस्पेंड
इस बीच हिमाचल में स्पीकर ने जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया है। हिमाचल में सरकार के खतरे के बीच स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने विपक्ष के 15 विधायकों को निष्कासित कर दिया है।इनमें पूर्व CM और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी शामिल हैं।
राज्यसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से ही सुक्खू सरकार खतरे में आ गई है। हिमाचल में 68 सीटें हैं और बहुमत 35 चाहिए। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 और बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं। 3 सीटों पर निर्दलीय विधायक जीते. अब 6 कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग बीजेपी के पक्ष में हुई है। ये सभी विधाक पाला बदलते हैं तो कांग्रेस के पास 34 विधायक बचेंगे जोकि बहुमत से 1 कम होगा।