लखनऊ । स्व.प्रतीक्षा मिश्रा जी के जन्म जयंती के अवसर पर श्री पावस उपाध्याय जी ने पूरे परिवार के साथ पूरी श्रद्धा और तन्मयता से लोहिया हॉस्पिटल , लखनऊ में नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए उन्हे प्रसाद वितरण किया। इस मौके पर परिवार नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा करते हुए भाव विभोर हो गया, आप लोगो ने “नर सेवा नारायण सेवा” के भाव को वास्तविकता के धरातल पर चरितार्थ किया।
स्वर्गीय प्रतीक्षा मिश्रा जी के जन्म जयंती पर उन्हें याद करते हुए श्री पावस उपाध्याय जी ने कहा कि हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि हमे भगवान ने नि:शक्त तीमारदारों की सेवा के लिए सक्षम बनाया। हमे विश्वास है कि नर सेवा नारायण सेवा के लिए हमने जिन लोगों को भोजन प्रसाद वितरण किया है , इसी में से कोई न कोई परमात्मा होगा जो हम सबका कल्याण करेंगे ।
आप का मानना है कि गरीबों, असहायों, मजलूमों एवं भूखे व्यक्तियों को देखकर आपके हृदय में करुणा-कलित हो जानी जाना चाहिए, उसमें विकलता की रागनी बजनी चाहिए, क्योंकि हम सब भी उसी दयानिधि के अंश है। नर सेवा ही वास्तव में ईश्वर की सेवा है। कहा जाता है कि कण कण में भगवान हैं, इस लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है। भूखें व्यक्तियों को भोजन कराकर आप ईश्वर को प्रसन्न करते हैं क्योंकि वे ईश्वर के ही तो अंश हैं । इसीलिए सभी धर्मों में अन्नदान को महादान बताया गया है।
स्वर्गीय प्रतीक्षा मिश्रा जी के जन्म जयंती पर विजय श्री फाउंडेशन , प्रसादम सेवा के संस्थापक फ़ूडमैन विशाल सिंह ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है । समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है । यही पुण्यों के फिक्स डिपोजिट है ।
इसी तरह मानव सेवा के मिशन को आगे बढ़ाते हुए अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाकर सेवा करने से ही समाज उन्नति करेगाI