अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान अब ड्रोन से मरीजों को दवा पहुंचाएगा। यह सेवा ऋषिकेश एम्स में शुरू हो चुकी है और भविष्य में इसे अन्य एम्स में भी शुरू किया जाएगा। बता दें कि यह 1 फरवरी 2023 से नियमित रूप से शुरू हो गई है, जिसके तहत एम्स ऋषिकेश से 36 किलोमीटर दूर स्थित टिहरी के जिला चिकित्सालय में दवाएं भेजी जा रही हैं। इसके साथ ही यह देश का पहला संस्थान बन गया है जो ड्रोन के माध्यम से चिकित्सा सेवा दे रहा है। यह भारत सरकार की ‘ड्रोन डिलीवरी ऑफ मेडिसिन’ योजना के तहत शुरू किया गया है।
उत्तराखंड की पहाड़ी दूरस्थ क्षेत्रों में में रहने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होगी, जहां सड़क मार्ग से दवाएं पहुंचाना मुश्किल होता है। ड्रोन के माध्यम से दवाएं जल्दी और आसानी से पहुंचाई जा सकती हैं, जिससे मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा। ड्रोन मेडिकल सेवा के नोडल अधिकारी डॉ.जितेंद्र गैरोला ने बताया कि अभी सेवा की शुरुआत सीएचसी चंबा से की गई है। चंबा के लिए ड्रोन तीन उड़ानें भर चुका है।
डॉ. गैरोला ने बताया कि इस सेवा के लिए महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ड्रोन से सामग्री उतारना या चढ़ाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें नमो ड्रोन दीदी का नाम दिया गया है। मेडिकल ड्रोन सेवा के लिए टिहरी, चंवा, हिंडोलाखाल और यमकेश्वर के लिए मैपिंग हो चुकी है। इन स्थानों के लिए पाथ तैयार कर लिया गया है। अन्य स्थानों के लिए भी अब पाथ तैयार किया जा रहा है।
- ड्रोन से दवा पहुंचाने की सेवा अभी केवल टिहरी के लिए शुरू
- भविष्य में इसे उत्तराखंड के अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में भी किया जाएगा शुरू
- ड्रोन से दवाएं पहुंचाने के लिए एम्स ऋषिकेश ने ‘ड्रोन डिलीवरी ऑफ मेडिसिन’ योजना के तहत केंद्र सरकार से अनुमति
- ड्रोन से दवाएं पहुंचाने के लिए एम्स ऋषिकेश ने एक विशेष ड्रोन खरीदा
- एम्स, ऋषिकेश के डॉक्टरों और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण