पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना हेतु ‘समस्त रस्तोगी परिवार’ ने लोहिया इंस्टीट्यूट में की नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा
सौजन्य से समस्त रस्तोगी परिवार ने पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी की स्वास्थ्य लाभ की कामना हेतु सार्थक किया नर सेवा नारायण सेवा का मिशन

लखनऊ । पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना हेतु समस्त रस्तोगी परिवार ने रविवार को विजयश्री फाउन्डेशन सेवा प्रसादम लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ में ‘असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना हेतु समस्त रस्तोगी परिवार ने ने आज की मानव सेवा के बारे में कहा कि हमें इस तरह पुनीत कार्य में सहभागी बन “नर सेवा नारायण सेवा” विचार को बढ़ाने की बड़ी पहल का साझेदार बन कर पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना किया।
पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना हेतु समस्त रस्तोगी परिवार ने कहा कि असहाय नि:शक्तजनों की सेवा करना व उनके दु:खों को कम करना हमारी अंतरात्मा में मानवता की सबसे बड़ी सेवा है इस मुहिम से जुडकर समाज के प्रबुद्ध तबके को भी नर सेवा नारायण सेवा पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर सहभागी बनना चाहिए।
पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना हेतु समस्त रस्तोगी परिवार ने आगे बताया कि सकारात्मक ऊर्जा से भरे, समय पर व्यक्ति को अपनी शक्ति के अनुसार दान-धर्म द्वारा मानव सेवा को कुछ वापस देन का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों में भी कहा गया है कि जैसा दान करोगे वैसा वापस पाओगे । समाज में गरीबों, असहायों, मजलूमों एवं भूखे व्यक्तियों को देखकर आपके हृदय में करुणा-कलित हो जानी जाना चाहिए, उसमें विकलता की रागनी बजनी चाहिए, क्योंकि हम सब भी उसी दयानिधि के अंश है।
नर सेवा ही वास्तव में ईश्वर की सेवा है। कहा जाता है कि कण कण में भगवान हैं, इस लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है। भूखें व्यक्तियों को भोजन कराकर आप ईश्वर को प्रसन्न करते हैं क्योंकि वे ईश्वर के ही तो अंश हैं । इसीलिए सभी धर्मों में अन्नदान को महादान बताया गया है।
पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना हेतु समस्त रस्तोगी परिवार द्वारा इस पुनीत कार्य में सहभागी बनकर नर सेवा नारायण सेवा के मिशन को सार्थक किया गया और उनके इस सार्थक प्रयास से कई जरूरतमंदों को भोजन प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला।
विजयश्री फाउन्डेशन सेवा प्रसादम के संस्थापक श्री फ़ूडमैन विशाल सिंह बताते है कि भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है । समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है । यही पुण्यों के फिक्स डिपोजिट है ।
इसी तरह मानव सेवा के मिशन को आगे बढ़ाते हुए अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाकर सेवा करने से ही समाज उन्नति करेगाI पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है।
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने आगे कहा कि आज विजयश्री फाउंडेशन- प्रसादम सेवा के माध्यम से लखनऊ के सबसे बड़े तीन अस्पताल मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल व लोहिया संस्थान लखनऊ में सुबह और शाम के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा दानदाताओं के सहयोग से की जाती है।
फूडमैन विशाल सिंह ने लोगों से अपील की है, कि हम सब मिलकर इस पुनीत व मानवीय सेवा मिशन में अपने परिवार से कुछ मुट्ठी राशन का सहयोग करें. उन्होंने ये भी कहा कि हम अपना जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी या किसी की स्मृति में इन तीमारदारों की भोजन सेवा कर नर में नारायण के विचार को आगे बढ़ाए।
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने साथ ही इस पुण्य कार्य में सहभागी बनने के लिए सौजन्य समस्त रस्तोगी परिवार को पूरे संगठन की ओर से पिताजी श्री कृष्णकांत रस्तोगी जी के स्वास्थ्य लाभ की कामना की ।