दीपावली के शुभअवसर पर श्रीमती विमल वर्मा ने लोहिया इंस्टीट्यूट की नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा
विजयश्री फाउन्डेशन के संस्थापक फूडमैंन विशाल सिंह ने श्रीमती विमल वर्मा को दीपावली की शुभकामनाएं दी

लखनऊ । हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर आयोध्या लौटे थे। इस खुशी में लोगों ने चारों तरफ दीए जलाए थे। त्योहार के मौके पर अपने शुभचिंतकों को बधाई दी जाती है। इस खास मौके पर श्रीमती विमल वर्मा जी ने विजय श्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा के लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ में कैंसर व असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा की । श्रीमती विमल वर्मा जी ने आज भी अपनी भारतीय संस्कृत और माता -पिता से मिले संस्कार को आगे बढ़ा रहे हैI विजयश्री फाउन्डेशन के संस्थापक फूडमैंन विशाल सिंह ने श्रीमती विमल वर्मा को दीपावली की शुभकामनाएं दीI उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा –
जगमग करते दीयों से हर तरफ है फैली छटा निराली
विमल वर्मा जी आपके जीवन में हजारों खुशियां लाए ये दिवाली
आपके पूरे परिवार को हैप्पी दिवाली!
फ़ूड मैन विशाल सिंह, विजयश्री फाउन्डेशन के संस्थापक
बेटी अन्विका श्रीवास्तव के जन्मदिन पर श्री अखिल श्रीवास्तव (पापा ), श्रीमती स्वर्णिम श्रीवास्तव जी ने इस तरह अपने हाथो से जरुरतमंदो की भोजन सेवा करके सेवा परमो धर्मः विचार को बल प्रदान किया। इस बार विमल श्रीवास्तव के जन्मदिन को अनूठे अंदाज में मनाने का निर्णय लिया। आज आपने इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान कर जरूरतमंदों को भोजन प्रदान कर उनकी पीड़ा को कम करने का सार्थक प्रयास किया। इसके चलते आज बहुत से लोगों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
श्रीमती विमल वर्मा ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि असहाय नि:शक्तजनों की सेवा करना व उनके दु:खों को कम करना हमारी निगाह में मानवता की सबसे बड़ी सेवा है और समाज के प्रबुद्ध तबके को भी नर सेवा नारायण सेवा पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर सहभागी बनना चाहिए।
श्रीमती विमल वर्मा जी ने बताया कि जन्म दिन के दिन सकारात्मक ऊर्जा से भरे समय पर व्यक्ति को अपनी शक्ति के अनुसार दान-धर्म द्वारा समाज को कुछ वापस देन का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि कहा गया है कि जैसा दोगे वैसा ही पाआगे। समाज में गरीबों, असहायों, मजलूमों एवं भूखे व्यक्तियों को देखकर आपके हृदय को करुणा-कलित हो जानी जाना चाहिए, उसमें विकलता की रागनी बजनी चाहिए, क्योंकि ओ भी उसी दयानिधि के अंश है। उनकी सेवा ईश्वर की सेवा है।
नर सेवा ही नारायण सेवा है। भूखें व्यक्तियों को भोजन कराकर आप ईश्वर को प्रसन्न करते हैं क्योंकि वे ईश्वर के ही तो अंश हैं । इसीलिए अन्नदान को महादान माना गया है।विजयश्री फाउन्डेशन सेवा प्रसादम के संस्थापक श्री फ़ूडमैन विशाल सिंह बताते है कि भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है । समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है । यही पुण्यों के फिक्स डिपोजिट है।
इसी तरह मानव सेवा के मिशन को आगे बढ़ाते हुए अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाकर सेवा करने से ही समाज उन्नति करेगाI पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है।
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने आगे कहा कि आज विजयश्री फाउंडेशन- प्रसादम सेवा के माध्यम से लखनऊ के सबसे बड़े तीन अस्पताल मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल व लोहिया संस्थान लखनऊ में सुबह और शाम के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा दानदाताओं के सहयोग से की जाती है।
फूडमैन विशाल सिंह ने लोगों से अपील की है, कि हम सब मिलकर इस पुनीत व मानवीय सेवा मिशन में अपने परिवार से कुछ मुट्ठी राशन का सहयोग करें. उन्होंने ये भी कहा कि हम अपना जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी या किसी की स्मृति में इन तीमारदारों की भोजन सेवा कर नर में नारायण के विचार को आगे बढ़ाए।