
काठमांडू । नेपाल में भयावह मंजर है। पश्चिमी नेपाल के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में शुक्रवार आधी रात को आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटकों के कारण कम से कम 132 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप शुक्रवार रात को 11 बजकर 47 मिनट पर आया और इसका केंद्र जाजरकोट जिले में था।
भूकंप का असर 800 किलोमीटर दूर दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किया गया। नेपाल के जजरकोट में आया है। नेपाली सेना के जवान बचाव अभियान चला रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई प्रभावित इलाकों से संचार बाधित हो गया है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने शुरू में भूकंप की तीव्रता 5.6 बताई थी, जिसकी गहराई 11 मील थी। नेपाल का राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र जाजरकोट में भूकंप का केंद्र स्थित है, जो नेपाल की राजधानी काठमांडू से लगभग 250 मील उत्तर पूर्व में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान पर शनिवार को दुख व्यक्त किया।
कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ एकजुटता से खड़ा है और उसे हर संभव मुहैया कराने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नेपाल में भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान को लेकर बहुत दुखी हूं।
भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए तैयार है। हम शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’ नेपाल में शुक्रवार रात को आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के झटके झारखंड के कई जिलों में महसूस किये गये। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने कहा कि नेपाल में आये भूकंप का केंद्र अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में था। इसके पहले 31 अक्टूबर को भी झारखंड में 3.7 तीव्रता वाले भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गये थे।