इस साल दो शुभ योग में है दशहरा, जानें कब होगा रावण दहन, शस्त्र पूजा का मुहूर्त
दशहरा का त्योहार आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है।

स्पेशल रिपोर्ट- अवंतिका यादव
लखनऊ। दशहरा का त्योहार आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। दशहरा के दिन लोग रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाते हैं। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाईयां बांटते हैं। साथ ही, लोग अपने घरों को दीयों और फूलों से सजाते हैं। आपको बता दें कि दशहरा का त्योहार भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
उत्तर भारत में दशहरे के दिन रामलीला का आयोजन किया जाता है तो वहीं दक्षिण भारत में दशहरे के दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है। दशहरा का त्योहार सभी भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है।
दशहरा का शुभ मुहूर्त
जानकारी के मुताबिक, इस साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर सोमवार यानी कल शाम 5 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है और दशमी तिथि का समापन 24 अक्टूबर यानी आज दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, दशहरा 24 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
दशहरा के दिन सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक पूजा का अभिजीत मुहूर्त बन रहा है, साथ ही इस दिन दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 2 बजकर 43 मिनट तक शस्त्र पूजा का भी शुभ मुहूर्त बन रहा है।
- रवि योग – सुबह 06 बजकर 27 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 38 मिनट तक है।
- उसके बाद रवि योग – शाम 06 बजकर 38 मिनट से लेकर दिनांक 25 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 28 मिनट तक है।
- दशहरा के दिन वृद्धि योग – दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से लेकर पूरी रात रहेगा।
दशहरा से हमें मिलने वाली सीख
हिंदू मान्यता के अनुसार लंका का राजा रावण महाज्ञानी होने के साथ-साथ उसे तंत्र-मंत्र, गीत-संगीत आदि का विद्वान था, उसने कई सिद्धियां हासिल कर रखी थीं, लेकिन इन सभी के बावजूद उसकी दूसरी बुराईयां उसके अंत का कारण बनीं। कहने का अर्थ है कि आप कितने भी गुणी क्यों न हों आपके अंदर का एक दोष आपके पतन का बड़ा कारण बन सकता है। दशहरे का यह पावन पर्व हमें अच्छाई की ओर आगे बढ़ने और बुराई से बचने का संदेश देता है।