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माँ स्व. श्रीमती जावित्री मिश्रा जी की ‘स्मृति’ पर पुत्र अरविन्द कुमार मिश्रा जी ने मेडिकल कॉलेज में की नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा

सौजन्य श्री अरविन्द कुमार मिश्रा(पुत्र) एवं समस्त मिश्रा परिवार ने सार्थक किया नर सेवा नारायण सेवा का मिशन

लखनऊ । हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत महत्व है। ये 16 दिन हमारे पूर्वजों और पितरों को समर्पित होते हैं। वहीं, आज समस्त पितरों को तर्पण हेतु अपनी माता श्री स्व  श्रीमती जावित्री मिश्रा जी की ‘स्मृति’ पर रविवार को विजयश्री फाउन्डेशन सेवा प्रसादम में सौजन्य पुत्र अरविन्द कुमार मिश्रा एवं समस्त मिश्रा परिवार ने असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर पुण्य आत्मा की ‘स्मृति’पर पुष्पांजलि अर्पित की।


माँ स्व. श्रीमती जावित्री मिश्रा की ‘स्मृति’ पर श्री अरविन्द कुमार मिश्रा ( पुत्र )एवं समस्त मिश्रा परिवार ने’आज की मानव सेवा के बारे में कहा कि हमें इस तरह इस पुनीत कार्य में सहभागी बन नर सेवा नारायण सेवा विचार को बढ़ाने की बड़ी पहल का साझेदार बन कर स्व. श्रीमती जावित्री मिश्रा (माँ )की आत्मा को शांति मिलेगी।

आज अपनी माता श्री स्व. श्रीमती जावित्री मिश्रा की ‘स्मृति’ पर पुत्र श्री अरविन्द कुमार मिश्रा ने कहा कि असहाय नि:शक्तजनों की सेवा करना व उनके दु:खों को कम करना हमारी निगाह में मानवता की सबसे बड़ी सेवा है और समाज के प्रबुद्ध तबके को भी नर सेवा नारायण सेवा पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर सहभागी बनना चाहिए।

माँ स्व. श्रीमती जावित्री मिश्रा की ‘स्मृति’ पर श्री अरविन्द कुमार मिश्रा (पुत्र )ने बताया कि सकारात्मक ऊर्जा से भरे समय पर व्यक्ति को अपनी शक्ति के अनुसार दान-धर्म द्वारा समाज को कुछ वापस देन का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि कहा गया है कि जैसा दोगे वैसा ही पाआगे । समाज में गरीबों, असहायों, मजलूमों एवं भूखे व्यक्तियों को देखकर आपके हृदय को करुणा-कलित हो जानी जाना चाहिए, उसमें विकलता की रागनी बजनी चाहिए, क्योंकि ओ भी उसी दयानिधि के अंश है। उनकी सेवा ईश्वर की सेवा है। नर सेवा ही नारायण सेवा है। भूखें व्यक्तियों को भोजन कराकर आप ईश्वर को प्रसन्न करते हैं क्योंकि वे ईश्वर के ही तो अंश हैं । इसीलिए अन्नदान को महादान माना गया है।

माता श्री की ‘स्मृति’ पर समस्त मिश्रा परिवार द्वारा इस पुनीत कार्य में सहभागी बनकर नर सेवा नारायण सेवा के मिशन को सार्थक किया गया और उनके इस सार्थक प्रयास से कई जरूरतमंदों को भोजन प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला।विजयश्री फाउन्डेशन सेवा प्रसादम के संस्थापक श्री फ़ूडमैन विशाल सिंह बताते है कि भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है । समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है।


इसी तरह मानव सेवा के मिशन को आगे बढ़ाते हुए अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाकर सेवा करने से ही समाज उन्नति करेगाI पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है।

फ़ूडमैन विशाल सिंह ने आगे कहा कि आज विजयश्री फाउंडेशन- प्रसादम सेवा के माध्यम से लखनऊ के 3 अस्पताल मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल व लोहिया संस्थान लखनऊ में दोपहर के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा की जाती है।

लोगों से अपील की कि हम सब मिलकर इस पुनीत व मानवीय सेवा मिशन में अपने परिवार से कुछ मुट्ठी राशन का सहयोग करें. उन्होंने ये भी कहा कि हम अपना जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी या किसी की स्मृति में इन तीमारदारों की भोजन सेवा कर नर में नारायण के विचार को आगे बढ़ाए।

फ़ूडमैन विशाल सिंह ने साथ ही इस पुण्य कार्य में सहभागी बनने के लिए सौजन्य श्री अरविन्द कुमार मिश्रा (पुत्र ) एवं समस्त मिश्रा परिवार को पूरे संगठन की ओर से साधुवाद देते हुए माता श्री स्व. श्रीमती जावित्री मिश्रा की ‘स्मृति’ पर उन्हें कोटि-कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

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