माताश्री सौद्रेन्दी देवी की पूण्यतिथि पर राजीव पाण्डेय ने नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा से अर्पित की पुष्पांजलि
सौजन्य राजीव पाण्डेय एवं समस्त पाण्डेय परिवार ने लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ में सार्थक किया नर सेवा नारायण सेवा का

लखनऊ । माताश्री सौद्रेन्दी देवी की पूण्यतिथि पर राजीव पाण्डेय एवं समस्त पाण्डेय परिवार ने विजयश्री फाउन्डेशन प्रसादम सेवा के लोहिया इंस्टीट्यूट में सेवा कर सेवा की जोत जलाई ! उनके साथ सेवादार साथी श्री राजीव पाण्डेय जी एवं लसमस्त पाण्डेय परिवार ने इस सेवा की जोत जलाने के लिए आये !
श्री राजीव पाण्डेय एवं समस्त परिवार ने भी इस सेवा मिशन के मुख्य संरक्षकों के रूप में समय- समय पर सेवा प्रदान करते रहते हैं ! आज आप लोगो के द्वारा लखनऊ के लोहिया संस्थान में की नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा की गई।
इस दौरान सेवादार साथियों ने कहा कि हम बहुत ही सौभाग्यशाली हैं कि हमें भगवान ने नि:शक्त तीमारदारों की सेवा के लिए सक्षम बनाया। हमें विश्वास है नर सेवा नारायण सेवा के लिए जिन लोगों को भोजन प्रसाद वितरण पुण्य कर्म कर रहे हैं , इन्ही में से कोई न कोई परमात्मा होगा जो हम सबका कल्याण करेगे ।
राजीव पाण्डेय एवं समस्त पाण्डेय परिवार ने माताश्री सौद्रेन्दी देवी की पूण्यतिथि पर विजयश्री फाउन्डेशन सेवा प्रसादम द्वारा लखनऊ ,लोहिया संस्थान में आप सभी सेवादार साथियों द्वारा असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर दिवंगत आत्माओं की ‘स्मृति’पर विनम्र पुष्पांजलि अर्पित की।
श्री राजीव पाण्डेय जी ने कहा कि असहाय नि:शक्तजनों की सेवा करना व उनके दु:खों को कम करना हमारी अंतरात्मा में मानवता की सबसे बड़ी सेवा है इस मुहिम से जुडकर समाज के प्रबुद्ध तबके को भी नर सेवा नारायण सेवा पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर सहभागी बनना चाहिए।
माताश्री सौद्रेन्दी देवी की ‘पूण्यतिथि पर श्री राजीव पाण्डेय जी ने बताया कि सकारात्मक ऊर्जा से भरे, समय पर व्यक्ति को अपनी शक्ति के अनुसार दान-धर्म द्वारा मानव सेवा को कुछ वापस देन का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों में भी कहा गया है कि जैसा दान करोगे वैसा वापस पाओगे ।
समाज में गरीबों, असहायों, मजलूमों एवं भूखे व्यक्तियों को देखकर आपके हृदय में करुणा-कलित हो जानी जाना चाहिए, उसमें विकलता की रागनी बजनी चाहिए, क्योंकि हम सब भी उसी दयानिधि के अंश है।
नर सेवा ही वास्तव में ईश्वर की सेवा है। कहा जाता है कि कण कण में भगवान हैं, इस लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है। भूखें व्यक्तियों को भोजन कराकर आप ईश्वर को प्रसन्न करते हैं क्योंकि वे ईश्वर के ही तो अंश हैं । इसीलिए सभी धर्मों में अन्नदान को महादान बताया गया है।
साथी इस पुनीत कार्य में सहभागी बनकर नर सेवा नारायण सेवा के मिशन को सार्थक किया गया और उनके इस सार्थक प्रयास से कई जरूरतमंदों को भोजन प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला।
विजयश्री फाउन्डेशन सेवा प्रसादम के संस्थापक श्री फ़ूडमैन विशाल सिंह बताते है कि भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है । समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है । यही पुण्यों के फिक्स डिपोजिट है ।
इसी तरह मानव सेवा के मिशन को आगे बढ़ाते हुए अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाकर सेवा करने से ही समाज उन्नति करेगाI पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है।
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने साथ ही इस पुण्य कार्य में सहभागी बनने के लिए सौजन्य से राजीव पाण्डेय एवं समस्त पाण्डेय परिवार को पूरे संगठन की ओर से साधुवाद देते हुए माताश्री सौद्रेन्दी देवी की ‘पूण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।