श्रुतकीर्ति सिंह के जन्मदिन पर माता-पिता ने मेडिकल कॉलेज में नि:शक्ततिमारदरों की भोजन सेवा कर ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाया
सौजन्य पिता ‘श्री राहुल सिंह, माँ श्रीमती ज्योति सिंह ने मेडिकल कॉलेज में सार्थक किया नर सेवा नारायण सेवा का मिशन

लखनऊ। ‘श्रुतकीर्ति सिंह’ के जन्मदिन के शुभअवसर पर सौजन्य पिता श्री राहुल सिंह, माँ श्रीमती ज्योति सिंह जी ने विजय श्री फाउन्डेशन के माध्यम से परिवार के साथ मेडिकल कॉलेज में कैंसर व असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा की।
‘श्रुतकीर्ति सिंह’ के जन्मदिन पर पिता श्री राहुल सिंह, माँ श्रीमती ज्योति सिंह एवं समस्त परिवार ने इस तरह अपने हाथो से जरुरतमंदो की भोजन सेवा करके सेवा परमो धर्मः विचार को बल प्रदान किया।
श्रुतकीर्ति सिंह ने अपने जन्मदिन को अनूठे अंदाज में मनाने का निर्णय लिया।आज आपने इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान कर जरूरतमंदों को भोजन प्रदान कर उनकी पीड़ा को कम करने का सार्थक प्रयास किया। इसके चलते आज बहुत से लोगों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।
‘श्रुतकीर्ति सिंह’ के जन्मदिन पर समस्त परिवार ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि असहाय नि:शक्तजनों की सेवा करना व उनके दु:खों को कम करना हमारी निगाह में मानवता की सबसे बड़ी सेवा है और समाज के प्रबुद्ध तबके को भी नर सेवा नारायण सेवा पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर सहभागी बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रसादम सेवा यज्ञ में राशन की आहुति प्रदान करने से मिली संतुष्टि से मुझे सच्ची खुशी मिलती है और हमारी निगाह में सेवा ही परम धर्म है । इस बारे में फ़ूडमैन विशाल सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज और संसार में दया ही श्रेष्ठ धर्म है। अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाते हुए उसकी इसके सेवा और सहायता करने से ही समाज उन्नति करेगा।
उन्होंने आगे बताया कि लखनऊ के 3 अस्पताल-मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल, लोहिया संस्थान लखनऊ में दोपहर के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा समाज से सार्थक ऊर्जावान सेवादार साथियों के माध्यम से ही संभव हो पा रहा है।
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने श्रुतकीर्ति सिंह के जन्मदिन को इस तरह से मनाने के लिए इस पुण्य कार्य के लिए उनके पूरे परिवार का आभार जताया और पूरे संगठन की तरफ से ‘श्रुतकीर्ति सिंह को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई दी। उन्होंने कहा कि नर सेवा नारायण सेवा का यह पुनीत मिशन बिना आप साथियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। अत:आप भी इस पुनीत कार्य में बढ़चकर सहभागी बने।