एडीजी श्री कुशपाल जी एवं समस्त परिवार ने लोहिया इंस्टीट्यूट में की कैंसर व असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा
विजयश्री फाउन्डेशन प्रसादम सेवा में सार्थक किया नर सेवा नारायण सेवा का मिशन

लखनऊ। मानवता की सेवा के लिए तत्पर आगे रहने वाले विजयश्री फाउन्डेशन के संरक्षक सेवादार ‘एडीजी श्री कुशपाल जी एवं समस्त परिवार’ ने विजयश्री फाउन्डेशन प्रसादम सेवा के ‘लोहिया इंस्टीट्यूट’ लखनऊ में रविवार को कैंसर व असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर नर सेवा नारायण सेवा के मिशन को आगे बढ़ाने में सहयोग किया I
इस भोजन सेवा के दौरान एडीजी श्री कुशपाल जी एवं समस्त परिवार ने विजयश्री फाउन्डेशन प्रसादम सेवा के संस्थापक श्री फ़ूडमैंन विशाल सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा की मानव समाज के हृदय के अंदर हमेशा सेवा भाव होना अति आवश्यक है सेवाभाव से जहा समाज के अंदर फैली कुरीतियां समाप्त होती हैं वही आपसी सौहार्द, अमन चैन शाति के साथ-साथ समाज का विकास भी होता है।
हमे मानवता को भूलना नहीं चाहिए। मानव समाज में सबसे कमजोर दबे, कुचले, गरीबों और जरूरतमंदों लोगों की सेवा ही असली पूजा है। वास्तव में सेवा भाव है कर्म नहीं। इस कारण प्रत्येक परिस्थिति में योग्यता, रुचि तथा सामर्थ्य के अनुसार सेवा हो सकती है। सच्चे सेवक की दृष्टि में में कोई भी गैर नहीं होता।
विजयश्री फाउन्डेशन के संरक्षक सेवादार एडीजी श्री कुशपाल जी ने कहा कि भूखे को खाना खिलाने, जीव-जंतुओं, पशु -पंछियों को जल व आहार देने से हमारे जीवन से दुख भाग जाता है। हमारा भविष्य सदैव अच्छा रहता है। यह सेवा सबसे उत्तम है। दान से मानव का कल्याण होता है। मनुष्य का जीवन सफल होता है।
उसका हर बिगड़ा हुआ काम बनता है। दान देने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जीवन में ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे मानव जीवन को हानि हो।
फ़ूडमैंन विशाल सिंह ने एडीजी श्री कुशपाल जी एवं समस्त परिवार द्वारा नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर नर सेवा नारायण सेवा के मिशन को आगे बढ़ाने में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह हमारे संगठन का सौभाग्य है कि ‘एडीजी श्री कुशपाल जी ’ जैसे लोग का संगठन का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलता है इस मिशन के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों का पेट भरने में सहायता के लिए सदैव तैयार रहते हैं।