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बेटे कुवंर ऋषि सिंह के ‘जन्मदिन’ पर मम्मी डॉ निरुपमा, पापा कुंवर प्रदीप सिंह ने लोहिया इंस्टीट्यूट में निशक्त तीमारदारों की ‘भोजन सेवा’

' बेटे' के जन्मदिन पर समस्त सिंह परिवार ने लोहिया इंस्टीट्यूट में सार्थक किया नर सेवा नारायण सेवा का मिशन

लखनऊ। ‘बेटे कुवंर ऋषि सिंह के जन्मदिन के शुभअवसर पर आज यानि मंगलवार (19 सितम्बर ) को विजय श्री फाउन्डेशन के माध्यम से मम्मी डॉ निरुपमा सिंह और पापा कुंवर प्रदीप सिंह ने लोहिया इंस्टीट्यूट में कैंसर व असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर बेटे कुवंर ऋषि सिंह के जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाया ।

बेटे कुवंर ऋषि सिंह के जन्मदिन के शुभअवसर पर मम्मी- पापा  के साथ अपने हाथो से जरुरतमंदो की भोजन सेवा करके सेवा परमो धर्मः विचार को बल प्रदान किया।

मम्मी डॉ निरुपमा, पापा कुंवर प्रदीप सिंह ने इस बार बेटे कुंवर ऋषि सिंह के जन्मदिन को अनूठे अंदाज में मनाने का निर्णय लिया।आज आपने इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान कर जरूरतमंदों को भोजन प्रदान कर उनकी पीड़ा को कम करने का सार्थक प्रयास किया। इसके चलते आज बहुत से लोगों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।

‘ बेटे कुंवर ऋषि सिंह’ के जन्मदिन पर समस्त सिंह परिवार ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि असहाय नि:शक्तजनों की सेवा करना व उनके दु:खों को कम करना हमारी निगाह में मानवता की सबसे बड़ी सेवा है और समाज के प्रबुद्ध तबके को भी नर सेवा नारायण सेवा पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर सहभागी बनना चाहिए।

बेटे कुंवर ऋषि सिंह के जन्मदिन को इतनी सादगी और सुलभ, साफ सफाई से मनाने पर कुंवर प्रदीप सिंह जी ने फ़ूडमैंन विशाल सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि मनुष्य को सेवा कार्य करने के लिए प्रेरित करने वाले उद्देश्य विविध और अनेक हैं। करुणा की भावना, मानवता की भावना और सहानुभूति का उल्लेख आमतौर पर उन कारणों के रूप में किया जाता है जिनकी वजह से मनुष्य सेवा करते हैं। मुख्य सिद्धांत यह है कि ईश्वर सभी मनुष्यों, जानवरों, पक्षियों, पौधों और प्रकृति में निवास करता है। इसलिए मनुष्य और अन्य प्राणियों की सेवा करना भगवान की सेवा करना है।

बेटे कुंवर ऋषि सिंह के जन्मदिन पर माँ डॉ निरुपमा जी ने कहा कि जब हम निःस्वार्थ भाव से किसी दूसरे इंसान की मदद करते हैं तो उसे सेवा कहा जाता है। जब हम सेवा करते हैं तो हमारा अहंकार पिघलता है और हमारे भीतर प्रेम पनपता है और जब सेवा के साथ ध्यान भी जुड़ता है तो आप उस विस्तार को भी महसूस कर सकते हैं, जो सभी सीमाओं से परे है। सेवा खोखले और खाली होने की भावना को बढ़ाती है और यही समय है अंदर जाकर सांत्वना का अनुभव करने का। यह मनुष्य और परमात्मा के साथ सेवा का एक ही अनुभव है।

उन्होंने कहा कि प्रसादम सेवा यज्ञ में राशन की आहुति प्रदान करने से मिली संतुष्टि से मुझे सच्ची खुशी मिलती है और हमारी निगाह में सेवा ही परम धर्म है । इस बारे में फ़ूडमैन विशाल सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज और संसार में दया ही श्रेष्ठ धर्म है। अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाते हुए उसकी इसके सेवा और सहायता करने से ही समाज उन्नति करेगा।

उन्होंने आगे बताया कि लखनऊ के 3 अस्पताल-मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल, लोहिया संस्थान लखनऊ में दोपहर के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा समाज से सार्थक ऊर्जावान सेवादार साथियों के माध्यम से ही संभव हो पा रहा है।

फ़ूडमैन विशाल सिंह ने डॉ निरुपमा सिंह व कुंवर प्रदीप सिंह’ को बेटे कुंवर ऋषि सिंह के जन्मदिन पर इस पुण्य कार्य के लिए उनका तहेदिल से आभार जताया और पूरे संगठन की तरफ से ‘कुंवर ऋषि सिंह को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई दी। उन्होंने कहा कि नर सेवा नारायण सेवा का यह पुनीत मिशन बिना आप साथियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। अत:आप भी इस पुनीत कार्य में बढ़चकर सहभागी बने।

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