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स्वर्गीय माता-पिता की जन्मजयंती पर पुत्र अनुमेष मिश्रा ने लोहिया इंस्टीट्यूट में की नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा

स्व माता श्रीमती बीना मिश्रा, स्व पिता श्री हरी कृष्णा मिश्रा की जन्म जयंती पर बेटे नुमेष ने सार्थक किया नर सेवा नारायण सेवा का मिशन 

लखनऊ। स्वर्गीय माता श्रीमती बीना मिश्रा व पिता श्री हरी कृष्णा मिश्रा की जन्म जयंती पर पुत्र अनुमेष मिश्रा ने लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ में असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा कर अपनी माता- पिता की जन्म जयंती पर सच्ची  पुष्पांजलि अर्पित की।

स्वर्गीय माता श्रीमती बीना मिश्रा व पिता हरी कृष्णा मिश्रा ‘जन्म जयंती’ पर पुत्र अनुमेष मिश्रा ने आज की मानव सेवा के बारे में कहा कि हमें इस तरह इस पुनीत कार्य में सहभागी बन नर सेवा नारायण सेवा विचार को बढ़ाने की बड़ी पहल का साझेदार बन कर स्वर्गीय माता श्रीमती बीना मिश्रा व पिता हरी कृष्णा मिश्रा को शांति मिलेगी।

इस परिवार द्वारा इस पुनीत कार्य में सहभागी बनकर नर सेवा नारायण सेवा के मिशन को सार्थक किया गया और उनके इस सार्थक प्रयास से कई जरूरतमंदों को भोजन प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला।

माता- पिता की जन्मजयंती को इतनी सादगी से मनाने के दौरान अनिमेष मिश्रा ने कहा कि  जीवन मूल्यों में संस्कारों का बड़ा महत्व है। ऐसा ही एक संस्कार है सेवा का भाव। नि: स्वार्थ भाव से यथासंभव जरूरतमंद की मदद करना, सेवा करना हमारे संस्कारों की पहचान कराता है जो हमको बचपन से माता – पिता से मिला है ।  तन, मन और वचन से दूसरे की सेवा में तत्पर रहना स्वयं इतना बड़ा साधन है कि उसके रहते किसी अन्य साधन की आवश्यकता ही नहीं रहती। क्योंकि जो व्यक्ति सेवा में सच्चे मन से लग जाएगा उसको वह सब कुछ स्वत: ही प्राप्य होगा जिसकी वह आकांक्षा रखता है।

जिन बच्चों में प्रारम्भ से सेवा की भावना का स्वस्थ विकास कर दिया जाता है वे आगे चलकर अपने सेवा-भाव से समाज में प्रतिष्ठा के पात्र बन जाते हैं। वास्तव में समाज के सुंदर निर्माण और भविष्य में उन्नति के लिए बच्चे में सेवा-भाव का विकास करना अत्यंत आवश्यक है। इस सेवा-भाव को विकसित करने के लिए परिवार सबसे सुन्दर संस्था है। अभिभावकों का दायित्व है कि वह स्वयं बच्चों के सामने अपने आचरण से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करें जिसे देखकर बच्चों में सेवा भाव का संस्कार पैदा हो।

इस बारे में फ़ूडमैन विशाल सिंह बताते है कि भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है।समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है। इसी तरह मानव सेवा के मिशन को आगे बढ़ाते हुए अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाकर सेवा करने से ही समाज उन्नति करेगाI

फ़ूडमैन विशाल सिंह ने आगे कहा कि आज विजयश्री फाउंडेशन- प्रसादम सेवा के माध्यम से लखनऊ के 3 अस्पताल मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल व लोहिया संस्थान लखनऊ में दोपहर के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा की जाती है।

लोगों से अपील की कि हम सब मिलकर इस पुनीत व मानवीय सेवा मिशन में अपने परिवार से कुछ मुट्ठी राशन का सहयोग करें. उन्होंने ये भी कहा कि हम अपना जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी या किसी की स्मृति में इन तीमारदारों की भोजन सेवा कर नर में नारायण के विचार को आगे बढ़ाए।फ़ूडमैन विशाल सिंह ने साथ ही इस पुण्य कार्य में सहभागी बनने के लिए समस्त सिंह परिवार को पूरे संगठन की ओर से साधुवाद देते हुए स्वर्गीय मालती सिंह पर उन्हें कोटि-कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

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