उत्तर प्रदेशलखनऊ
Trending

लखनऊ : विधान सभा,विधान परिषद में भर्तियों की CBI जांच, 3 अक्टूबर को होगी सुनवाई

जांच आदेश के रिव्यू के लिए विधान परिषद ने HC में दी अर्जी, 18 सितंबर को HC ने भर्तियों की CBI जांच के दिए थे आदेश

लखनऊ I इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद सचिवालय में हाल ही में हुईं विभिन्न पदों पर भर्तियों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। शुरुआती जांच की रिपोर्ट छह हफ्ते में पेश करने को भी कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने सुशील कुमार व दो अन्य की विशेष अपील के साथ विपिन कुमार सिंह की याचिका पर दिया।

कोर्ट ने इस धांधली मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में दर्ज करने का भी आदेश दिया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2022 से 2023 के बीच उप्र विधानसभा व विधान परिषद सचिवालय में बड़े पैमाने पर स्टाफ की भर्ती हुई थी। इसमें व्यापक धांधली का मुद्दा हाईकोर्ट के एकल पीठ के समक्ष उठाया गया था। इसमें आरोप है कि चयन प्रक्रिया में कई नियमों को दरकिनार कर बाहरी भर्ती एजेंसियों को तरजीह दी गई। इसके लिए नियमों भी मनमाना संशोधन किया गया।

हाईकोर्ट के एकल पीठ ने इस मामले में दायर याचिका को बीते 12 अप्रैल को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ विशेष अपील दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष दाखिल की गई। इस पर सुनवाई के दौरान कथित अनियमितताओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए खंडपीठ ने इसकी सीबीआई जांच का आदेश दिया है। साथ ही मामले में पेश मूल रिकॉर्ड को सील कवर में रखवा दिया। कोर्ट ने पीआईएल में सहयोग के लिए अधिवक्ता डॉ. एलपी मिश्र को बतौर न्यायमित्र अधिवक्ता नियुक्त किया है।

कोर्ट ने आदेश में यह टिप्पणी भी की कि सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए प्रतियोगिता मूल नियम है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए भर्ती एजेंसियों की विश्वसनीयता बहुत ही जरूरी है। कोर्ट ने विशेष अपील और जनहित याचिका को नवंबर के पहले हफ्ते में सूचीबद्ध करने का आदेश भी दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button