मधुमिता शुक्ला हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि की रिहाई पर नहीं लगाई रोक
उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके मांगा जवाब,

गोरखपुर । 20 साल बाद मधुमिता शुक्ला हत्याकांड फिर चर्चा में है। इस हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री और पूर्वांचल के बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई के आदेश हुए हैं। इसके खिलाफ मधुमिता की बहन निधि शुक्ला सुप्रीम कोर्ट पहुंची। शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई पर रोक नहीं लगया।
जबकि उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मधुमिता की बहन निधि शुक्काला का एक रोता हुआ वीडियो सामने आया है।दरअसल, अमरमणि और मधुमणि गोरखपुर की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। दोनों आज जेल से बाहर आएंगे। गुरुवार रात कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने रिहाई के आदेश जारी किए हैं।
इससे पहले शुक्रवार सुबह उनका एक और वीडियो मैसेज और लेटर सामने आया। रिहाई आदेश पर हैरानी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई है। तब तक रिहाई पर रोक लगाई जाए। दरअसल, निधि ने ही मधुमिता हत्याकांड की कोर्ट तक लड़ाई लड़ी थी और अमरमणि को सजा दिलवाई थी।
अमरमणि और उनकी पत्नी की समय से पहले रिहाई होगी। रिहाई का शासनादेश उनके अच्छे आचरण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जारी किया है। दरअसल, 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई का आदेश पारित किया। इसमें लिखा है कि उनकी उम्र 66 साल होने, करीब 20 साल तक जेल में रहने और अच्छे आचरण को देखते हुए किसी अन्य वाद में शामिल न हो तो रिहाई कर दी जाए।
जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर की तरफ से आदेश जारी हुआ कि दो जमानतें और उतनी ही धनराशि का एक निजी मुचलका देने पर उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाए। इसके बाद अब शासन की ओर से अमरमणि की रिहाई का आदेश जारी हो गया।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों की रिहाई पर विचार करने को राज्य सरकार को सलाह दी थी। इसके बाद अमरमणि ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सरकार को 10 फरवरी 2023 को रिहाई का आदेश दिया था। आदेश का पालन नहीं होने पर फिर अमरमणि की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई।