स्व. द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव की पुण्यतिथि पर ‘शैलेश श्रीवास्तव ‘शैलु’’ ने मेडिकल कॉलेज में नि:शक्ततीमारदारों की भोजन सेवा से अर्पित की पुष्पांजलि
सौजन्य ‘शैलेश श्रीवास्तव 'शैलु'’ एवं समस्त परिवार ने मेडिकल कॉलेज लखनऊ में सार्थक किया नर सेवा नारायण सेवा का

लखनऊ। स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को सौजन्य ‘शैलेश श्रीवास्तव ‘शैलु’’ एवं समस्त परिवार के द्वारा मेडिकल कॉलेज लखनऊ में असाध्य रोगों से पीड़ित नि:शक्त तीमारदारों की भोजन सेवा की गयी। इस तरह समस्त परिवार ने स्व. द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव को पुष्पांजलि अर्पित की।
स्व. द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव के पूण्यतिथि पर सौजन्य ‘शैलेश श्रीवास्तव ‘शैलु’’ एवं समस्त परिवार ने आज की मानव सेवा के बारे में कहा कि हमें इस तरह इस पुनीत कार्य में सहभागी बन नर सेवा नारायण सेवा विचार को बढ़ाने की बड़ी पहल का साझेदार बन कर पिता के आत्मा को शांति मिलेगी।
इस परिवार द्वारा इस पुनीत कार्य में सहभागी बनकर नर सेवा नारायण सेवा के मिशन को सार्थक किया गया और उनके इस सार्थक प्रयास से कई जरूरतमंदों को भोजन प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिला। इस बारे में फ़ूडमैन विशाल सिंह बताते है कि भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना ही सच्ची मानवता है।
समाज और संसार में नर सेवा ही नारायण सेवा है। इसी तरह मानव सेवा के मिशन को आगे बढ़ाते हुए अपने से दीन-हीन, असहाय, अभावग्रस्त, आश्रित, वृद्ध, विकलांग, जरूरतमंद व्यक्ति पर दया दिखाकर सेवा करने से ही समाज उन्नति करेगाI
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने आगे कहा कि आज विजयश्री फाउंडेशन- प्रसादम सेवा के माध्यम से लखनऊ के 3 अस्पताल मेडिकल कॉलेज लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल व लोहिया संस्थान लखनऊ में दोपहर के समय लगभग 1000 निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा की जाती है।
लोगों से अपील की कि हम सब मिलकर इस पुनीत व मानवीय सेवा मिशन में अपने परिवार से कुछ मुट्ठी राशन का सहयोग करें. उन्होंने ये भी कहा कि हम अपना जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी या किसी की स्मृति में इन तीमारदारों की भोजन सेवा कर नर में नारायण के विचार को आगे बढ़ाए।
फ़ूडमैन विशाल सिंह ने साथ ही इस पुण्य कार्य में सहभागी बनने के लिए सौजन्य ‘शैलेश श्रीवास्तव ‘शैलु’’ को पूरे संगठन की ओर से साधुवाद देते हुए स्व. द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव को पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।