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ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय की डॉ. रुचिता को मिला शोध अनुदान

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के कार्यान्वयन के आकलन के लिए मिला अनुदान

लखनऊ। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में सहायक प्राध्यापक एवं विषय प्रभारी डॉ रुचिता सुजय चौधरी को भारत सरकार के इंडियन काउंसिल आफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) द्वारा स्पेशल काल योजना के तहत शोर्ट टर्म एम्पेरिकल रिसर्च प्रोजेक्ट 2023 (इंडिविजुअल स्टडी) के लिए शोध अनुदान प्राप्त हुआ है।

जिसके अंतर्गत उनके द्वारा उत्तर प्रदेश के चार जिलों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के कार्यान्वयन के आकलन के लिए अध्ययन किया जायेगा जिसको आईसीएसएसआर द्वारा वित्तपोषित किया गया है।परियोजना के बारे में बताते हुए डॉ रुचिता सुजय चौधरी ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही परियोजना के क्रियान्वयन का आकलन करते हुए प्रदेश के चार जिलों में अध्यन किया जायेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना सन 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासो तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आरंभ किया गया था और इस योजना का साकारात्मक प्रभाव देखने को भी मिल रहा है। आज इस योजना के तहत बेटियों को एक नई प्रतिभा का विकास एवं लोगों के अंदर बेटियों की शिक्षा के प्रति सकारात्मक सोच का संचार बहुत तेजी से हो रहा है लेकिन फिर भी ऐसे कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां आज भी लिंग अनुपात में काफी अंतर देखने को मिलता है।

उन्होंने प्रदेश के ऐसे ही चार जिलों का चुनाव अपने अध्ययन के लिए किया है। वे जिले हैं हरदोई, सीतापुर, फतेहपुर एवं फरुखाबाद। जिनका चयन लिंग अनुपात के आधार पर किया गया है।उनकी शोध परियोजना का विषय है एनालिसिस आफ एक्सेस, एक्सपोजर एंड कम्युनिकेशन गैप आफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम इम्प्लीमेंटेड इन सेंट्रल रीजन आफ उत्तर प्रदेश। इस परियोजना के लिए उन्होंने 5.45 लाख रूपये आईसीएसएसआर द्वारा प्राप्त हुआ है।

यह विश्वविद्यालय की अब तक की सबसे अधिकतम शोध धनराशि है जो किसी भी शिक्षक द्वारा प्राप्त की गयी है। पूर्व में विश्वविद्यालय को दो आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित शोध कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है। यह इस शैक्षणिक सत्र का प्रथम शोध ग्रांट है। डॉ चौधरी ने बताया की इस अध्ययन के अंतर्गत यह पता लगाया जायेगा कि प्रदेश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का क्रियान्वयन किस तरह से किया गया है एवं सरकार द्वरा इसके हितधारकों तक इस योजना को किस तरह से पहुचाया जा रहा है।

बेटियों के जन्म दर घटने के क्या कारण है तथा इस समस्या को किस प्रकार से दूर किया जाए। इस उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनबी सिंह ने प्रोजेक्ट मिलने की बधाई देते हुए कहा की विश्वविद्यालय प्रशासन गौरवान्वित महसूस कर रहा है और प्रोजेक्ट के सफलतपूर्वक पूरा करने की अग्रिम शुभकामना भी देता है।

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